इज़राइल की किताबों में भारतीय सैनिकों की कहानी

इज़राइल के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाने वाली किताबों में अब भारतीय सैनिकों का ज़िक्र भी शामिल किया गया है। यह पहल दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों और आपसी सहयोग को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की कोशिश मानी जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इज़राइल ने अपनी स्कूली किताबों में ऐसे अध्याय जोड़े हैं जिनमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी को जगह दी गई है। खासकर उस दौर की कहानियाँ, जब भारतीय सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध और विभिन्न अभियानों में हिस्सा लिया था। इन पुस्तकों में बताया गया है कि कैसे भारतीय फौजी कठिन हालात में भी डटे रहे और अपने साहस से उदाहरण पेश किया।

इज़राइल का मानना है कि बच्चों को इतिहास के साथ-साथ उन देशों की भूमिका भी समझानी चाहिए, जिन्होंने मुश्किल वक्त में योगदान दिया। भारतीय सैनिकों का जिक्र इसी सोच का हिस्सा है। यह कदम केवल बच्चों की जानकारी बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि भारत और इज़राइल की दोस्ती को भी और गहराई देने वाला माना जा रहा है।

भारत और इज़राइल पिछले कुछ दशकों से रक्षा, कृषि और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में, किताबों में भारतीय सैनिकों का नाम दर्ज होना सिर्फ ऐतिहासिक सम्मान नहीं बल्कि कूटनीतिक संदेश भी है। इससे इज़राइली बच्चों को यह अहसास होगा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आए सैनिकों ने उनके देश की सुरक्षा और इतिहास में भूमिका निभाई।

यह पहल छोटी लग सकती है, लेकिन इसका असर गहरा है। किताबों के ज़रिए नई पीढ़ी को इतिहास और दोस्ती का पाठ पढ़ाना किसी भी रिश्ते को स्थायी बनाने का सधा हुआ तरीका है। भारतीय सैनिकों की बहादुरी का ज़िक्र इज़राइल की किताबों में दर्ज होना भारत के लिए भी गर्व की बात है और दोनों देशों के रिश्तों को और मज़बूत करने वाला कदम है।