तिरुपति लड्डू विवाद: आईसीएआर सदस्य ने की एनडीडीबी-सीएएलएफ रिपोर्ट की जांच की मांग

आईसीएआर के एक सदस्य ने शुक्रवार को राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड- पशुधन एवं आहार विश्लेषण तथा अध्ययन केंद्र की हाल की उस रिपोर्ट की उच्च स्तरीय जांच की मांग की, जिसमें तिरूपति के लड्डू में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल की पुष्टि की गई है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पांच पृष्ठ के पत्र में रिपोर्ट की शुचिता के बारे में चिंता जताई और देशभर के मंदिरों में ‘बिलोना देसी गाय घी’ के इस्तेमाल को अनिवार्य करने का आग्रह किया।

उन्होंने दलील दी कि इस कदम से मंदिर के प्रसाद में विश्वास बहाल होगा और देश की स्वदेशी मवेशी विरासत के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

बदरवाड़ा ने राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड- पशुधन एवं आहार विश्लेषण तथा अध्ययन केंद्र (एनडीडीबी-सीएएलएफ) की रिपोर्ट के निष्कर्षों की व्यापक जांच का भी अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि मंदिरों में देशी पशु उत्पादों के इस्तेमाल को अनिवार्य करने से श्रद्धालुओं के विश्वास को बहाल करते हुए किसानों की आय को बढ़ावा मिल सकता है।

आईसीएआर के सदस्य ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किसी शीर्ष अधिकारी या उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने का आह्वान किया।

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