ट्रंप ने फिर दी ब्रिक्स देशों को धमकी :कहा डॉलर पर कब्जा करने की कोशिश नाकाम होगी।

वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 21 जुलाई: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और आगामी चुनावों के प्रमुख रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर BRICS देशों को चेतावनी दी है। ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में एक बिल पर बोलते हुए BRICS समूह पर अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने का आरोप लगाया और 10 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने की धमकी दोहराई।

ट्रंप ने कहा, “BRICS नाम का एक छोटा समूह है, जो तेज़ी से समाप्त हो रहा है। इसने डॉलर, डॉलर के प्रभुत्व और वैश्विक मानक पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। लेकिन हम डॉलर को गिरने नहीं देंगे। अगर अमेरिका वैश्विक मुद्रा के तौर पर डॉलर का स्टेटस खो देता है, तो यह एक विश्व युद्ध हारने जैसा होगा।”

हालांकि ट्रंप ने किसी BRICS सदस्य देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत, रूस और चीन के बीच त्रिपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की कवायद फिर से शुरू हो गई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने हाल ही में कहा कि, “चीन, रूस और भारत के बीच त्रिपक्षीय सहयोग क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए आवश्यक है।”

रूस के उप-विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको भी कह चुके हैं कि RIC (रूस-भारत-चीन) प्रारूप को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत चल रही है। चीन ने इसपर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

BRICS समूह के 17वें शिखर सम्मेलन का आयोजन 6-7 जुलाई को ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में हुआ था। इसके बाद ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में चेतावनी दी थी कि, “जो भी देश BRICS की अमेरिका विरोधी नीतियों का हिस्सा बनेगा, उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ़ लगाया जाएगा। कोई छूट नहीं मिलेगी।”

व्हाइट हाउस में अपने भाषण के दौरान ट्रंप ने व्यंग्य करते हुए कहा कि उनकी टैरिफ़ धमकी के अगले दिन BRICS की बैठक में “तक़रीबन कोई नहीं आया।”

ट्रंप का यह बयान न केवल BRICS देशों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि अमेरिका की आगामी विदेश और आर्थिक नीतियों की दिशा का संकेत भी देता है। आने वाले महीनों में ट्रंप की इस नीति का वैश्विक प्रभाव और BRICS देशों की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।