गुजरात के ‘हरामी नाला’ खाड़ी क्षेत्र में गश्त के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी और एक जवान की अत्यधिक गर्मी के कारण मौत हो गई। शुक्रवार को घटित इस दुखद घटना में सहायक कमांडेंट और हेड कांस्टेबल को हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ा।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ की एक टुकड़ी गश्त के लिए ‘जीरो लाइन’ पर निकली थी। अत्यधिक गर्मी के कारण दोनों जवान बेहोश हो गए। तुरंत उन्हें भुज के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान दोनों की मृत्यु हो गई।
हरामी नाला क्षेत्र की चुनौती
‘हरामी नाला’ खाड़ी क्षेत्र में गश्त करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। यहां की भौगोलिक स्थिति और कठोर मौसम सैनिकों के लिए अतिरिक्त कठिनाइयां उत्पन्न करती हैं। गर्मियों में तापमान अक्सर 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक होता है।
सरकारी प्रतिक्रिया
घटना के बाद बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। अत्यधिक गर्मी के मौसम में गश्त करने वाले जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया गया है।
निष्कर्ष
गुजरात के भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि भीषण गर्मी और कठोर मौसम परिस्थितियों में सुरक्षा बलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जवानों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता बरतते हुए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।