वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंडे में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने कोविड-19 महामारी के बाद सदस्य देशों द्वारा पेश किए गए 300 प्रस्तावों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों (आईएचआर 2005) में संशोधनों पर सहमति व्यक्त की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों (आईएचआर) में लक्षित संशोधनों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय चिंता की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों (पीएचईआईसी) और महामारी आपात स्थितियों (पीई) के लिए तैयार होने और उनका जवाब देने की देशों की क्षमता में सुधार करना है।
इसमें कहा गया कि इनमें पीएचईआईसी और पीई के दौरान प्रासंगिक स्वास्थ्य उत्पादों तक समान पहुंच की सुविधा के प्रावधान शामिल हैं। इसके मुताबिक, आईएचआर (2005) के तहत आवश्यक मुख्य क्षमताओं के निर्माण, सुदृढ़ीकरण और रखरखाव में विकासशील देशों को समर्थन देने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के प्रावधान भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में संशोधन” के साथ एक “अविश्वसनीय मील का पत्थर” हासिल किया गया है।
उन्होंने कहा, “यह समानता और एकजुटता बनाने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है जो भविष्य में महामारी के खतरों से दुनिया की रक्षा करने में मदद करेगा। यह हमारे बच्चों और नाती-नातिनों के लिए एक उपहार है। यह हमारे बच्चों और पोते-पोतियों के लिए एक उपहार है।”