ढाका, 21 सितंबर 2024: बांग्लादेश में हाल के दिनों से चल रही हिंसा और अराजकता में धार्मिक अल्पसंख्यक खासकर हिन्दू उपद्रवियों के निशाने पर आ रहे हैं। लगातार हो रहे हिन्दूओं के हत्या, महिलाओं एवं नवालिक बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं के खिलाफ हजारों हिन्दुओं ने चटगांव, ढाका सहित कई प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन किया है। बताते चलें कि बंगलादेश की अंतरिम सरकार वहां अतंकबाद से जुड़े मामले में गिरफ्तार जमात ए इस्लामी के नेता को जेल से रिहा कर रही है जिससे कि हिन्दूओं के हित पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच देश की नई अंतरिम सरकार में गृह विभाग के सलाहकार जनरल एम. सखावत हुसैन ने स्वीकार किया है कि अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं और उनकी सुरक्षा में चूक हुई है। लेकिन इसके बाद भी हिन्दूओं पर हमले बलात्कार और हिंसा के मामले में कोई कमी नहीं देखने को मिल रही है। हिंदू अब भारत सरकार से मदद के आशा से देख रही है लेकिन भारत सरकार की ओर से भी कोई खास मदद के आसार नहीं दिख रहे हैं।
अल्पसंख्यकों पर हमलों की पुष्टि,
सखावत हुसैन ने मांगी माफीगृह विभाग के सलाहकार जनरल एम. सखावत हुसैन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “यह सच है कि अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर हिन्दू, हिंसा के शिकार हुए हैं। उनकी सुरक्षा में गंभीर चूक हुई है, जिसके लिए हम माफी मांगते हैं।” उन्होंने साथ ही चेतावनी दी कि अगर हिंसा पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो अंतरिम सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कदम उठाएगी। सखावत हुसैन ने इस हिंसा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर भी आरोप लगाए और कहा कि पार्टी के समर्थकों ने देश में अराजकता फैलाने का काम किया है।
हिन्दू समुदाय में भारी आक्रोश
हिन्दू समुदाय, जो बांग्लादेश में अल्पसंख्यक है, पिछले एक महीने से लगातार हिंसा और हमलों का सामना कर रहा है। मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हिंदू लड़कियों को घर से अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया जा रहा है जहां तहां धर्म के आधार पर हिन्दूओं की पहचान कर उससे जबरन इस्तीफा दिलवाला जा रहा है, विरोध करने पर हत्या की घटना भी सामने आई है इन घटनाओं को लेकर हिन्दू समुदाय में भारी गुस्सा है, और विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। चटगांव और ढाका जैसे प्रमुख शहरों में हजारों हिन्दुओं ने सड़कों पर उतरकर न्याय और सुरक्षा की मांग की है।हिन्दू संगठनों ने अंतरिम सरकार से जल्द से जल्द हिंसा रोकने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षा की गारंटी दी जा सके।