“योगी का दावा: इस्लामी शासन में घटा हिंदू जनसंख्या और खेती का उत्पादन”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस्लामी शासनकाल में हिंदू आबादी कम हुई और खेती की पैदावार भी घट गई। उन्होंने दावा किया कि उस समय किसानों पर भारी कर लगाए गए और समाज का संतुलन बिगड़ गया। योगी ने कहा कि इतिहास को सही तरह समझना ज़रूरी है ताकि वर्तमान और भविष्य के लिए सबक लिया जा सके। उनके मुताबिक मुग़ल और अन्य शासकों के समय धार्मिक जनसंख्या में बदलाव और कृषि उत्पादन में कमी आई, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।

योगी के इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे चुनावी बयान करार दिया और कहा कि बिना ठोस आँकड़ों के ऐसे दावे समाज में तनाव बढ़ा सकते हैं। कुछ इतिहासकारों ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह के निष्कर्ष के लिए गहराई से अध्ययन और प्रमाण ज़रूरी हैं।

मुख्यमंत्री का कहना है कि अतीत से सीख लेकर ही देश का भविष्य मजबूत बनाया जा सकता है, जबकि आलोचकों का मानना है कि पुराने ज़ख्म कुरेदने से आज की समस्याएं नहीं सुलझेंगी। यह बयान अब राजनीति और आम लोगों के बीच चर्चा का नया विषय बन गया है, जहां लोग अपने-अपने नजरिए से इसके मायने तलाश रहे हैं।