उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 43 साल से अधूरी पड़ी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को पूरा कर इतिहास रच दिया है। इस परियोजना से अब प्रदेश के 29 लाख किसानों को बाढ़ और सूखे से स्थायी राहत मिलेगी।
43 साल से अटकी थी योजना
सरयू नहर परियोजना की शुरुआत वर्ष 1978 में हुई थी। इसका उद्देश्य पूर्वांचल और तराई क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना था। लेकिन चार दशकों तक यह योजना अधूरी ही पड़ी रही। बीच-बीच में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन परियोजना ठप पड़ी रही।
योगी सरकार की पहल
2017 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्राथमिकता दी और केंद्र सरकार से सहयोग लेकर इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाया। वित्तीय व प्रशासनिक बाधाएं दूर की गईं और रिकॉर्ड समय में काम पूरा कर किसानों तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाई गई।
किसानों को सीधा लाभ
अब इस परियोजना से करीब 14 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। फसलें समय पर पानी मिलने से सुरक्षित रहेंगी और बाढ़-सूखे की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इस योजना से कृषि उत्पादन बढ़ेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
राजनीतिक तकरार
इस उपलब्धि के बीच सियासी घमासान भी तेज हो गया है। भाजपा का आरोप है कि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार ने परियोजना को 5% भी आगे नहीं बढ़ाया, बल्कि केवल “मलाई खाने” में जुटी रही। भाजपा नेताओं ने कहा – “किसानों का भविष्य दांव पर लगाने वाले आज जवाब देने से बच रहे हैं।”
निष्कर्ष
सरयू नहर परियोजना का पूरा होना न सिर्फ योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह किसानों के लिए भी संजीवनी साबित होगी। हालांकि, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच असली जीत उन किसानों की है जिनके खेतों तक अब पानी पहुंचेगा।