ब्राजील में आयुर्वेद के 40 साल पूरे, भारत–ब्राजील सहयोग

ब्राजील में आयुर्वेद के आगमन को 40 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र (SVCC) और कोनायुर साओ पाउलो ने पारंपरिक चिकित्सा में भारत–ब्राजील सहयोग को प्रदर्शित करने हेतु तीसरे अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन की मेजबानी की।

यह सम्मेलन 14–15 नवंबर 2025 को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) में आयोजित हुआ। दो दिवसीय कार्यक्रम में लैटिन अमेरिका और भारत के विशेषज्ञों, डॉक्टरों, शोधकर्ताओं, विद्वानों और छात्रों ने भाग लिया। इस वर्ष का थीम था—
‘आयुर्वेद में विविधता और समावेश: प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक प्राणी की देखभाल’।

समारोह का उद्घाटन ब्राजील में भारत के राजदूत दिनेश भाटिया ने किया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणालियों में भारत और ब्राजील के बीच सहयोग तेजी से मजबूत हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के कारण लगातार बढ़ रही है, जिसका प्रमाण 17–19 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में होने वाला WHO–आयुष मंत्रालय वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन होगा।

राजदूत भाटिया ने ब्राजील की उस ऐतिहासिक भूमिका की भी सराहना की जिसके तहत वह दक्षिण अमेरिका का पहला देश बना जिसने आयुर्वेद को आधिकारिक मान्यता दी। उन्होंने ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन की हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली यात्रा को द्विपक्षीय सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

आयुर्वेद और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में SVCC की लगातार कोशिशों को सराहते हुए उन्होंने आयुष मंत्रालय के समर्थन को भी महत्वपूर्ण बताया।

आयुष मंत्रालय के सचिव डॉ. (वैद्य) राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुर्वेद समावेश, करुणा और शरीर–मन–पर्यावरण के संतुलन पर आधारित एक संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली है। उन्होंने बताया कि भारत–ब्राजील की साझेदारी पिछले वर्षों में और मजबूत हुई है—

दोनों देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच MoU

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (जयपुर) और ब्राजीलियाई विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक व संस्थागत सहयोग

डॉ. कोटेचा ने ब्राजील में पिछले 40 वर्षों से आयुर्वेद को आगे बढ़ाने वाले शिक्षकों, डॉक्टरों और शोधकर्ताओं का विशेष रूप से धन्यवाद किया। उन्होंने केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने हेतु भारत–ब्राजील सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।