नई दिल्ली: इस साल नीट परीक्षा में 67 छात्रों ने एक साथ टॉप किया है, जिन सभी को 720 में से 720 अंक मिले हैं। नीट पेपर लीक मामले की कथित धांधली खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, और अब कुछ पीड़ितों ने न्याय की आस में देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटा दिया है। सवाल उठ रहा है कि क्या मेडिकल एंट्रेंस एक्जाम नीट (NEET) दुरुस्त तरीके से हुए हैं?
नीट के रिजल्ट आए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन छात्रों में भ्रम आज भी बरकरार है। लाखों बच्चों को समझ नहीं आ रहा कि वे एनटीए (NTA) द्वारा घोषित नतीजे ही मानें, या फिर दोबारा परीक्षा की तैयारी करें।
नीट परीक्षा का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गया है। कथित गड़बड़ियों को लेकर फिर से परीक्षा कराने की मांग की गई है। NEET UG परीक्षा कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अपनी दलील दी है कि इस साल प्रश्न पत्र आसान था और ज्यादा परीक्षार्थियों के शामिल होने के कारण यह परिणाम देखने को मिला है।
इस साल 67 छात्रों के टॉप करने का कारण एक फिजिक्स पेपर में एक सवाल के दो-दो सही जवाबों को माना जा रहा है, जिससे 44 अतिरिक्त टॉपर सामने आए। NCERT की नई और पुरानी किताबों के संस्करणों में फर्क के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई।
इस परीक्षा में मल्टीपल च्वाइस ऑन्सर (MCQs) होते हैं, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि इतने सारे टॉपर हो गए। हरियाणा के झज्जर के एक ही परीक्षा केंद्र से आठ टॉपर निकलने की खबर ने और भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ अभिभावकों ने इस मामले की जांच की अपील की है।
एनटीए के एक अधिकारी ने कहा कि इस साल 2024 में उपस्थित होने वाले कैंडिडेट की संख्या 23,33,297 हो गई, जिससे टॉपर्स की संख्या बढ़ गई है।
गड़बड़ियों को रोकने के लिए NTA का गठन हुआ था, लेकिन इस साल के नतीजों ने फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना कर रही है और उन्हें इस मामले की जांच करानी चाहिए।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने भी सभी राज्य सरकारों से NEET के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।
अब इस परीक्षा के खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। कानपुर में छात्रों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। इस साल NEET में करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे।
आने वाले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही पता चलेगा कि इस मामले में आगे क्या होगा, लेकिन फिलहाल छात्रों और अभिभावकों में असमंजस और गुस्सा बना हुआ है।