जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका मंत्रिमंडल तीसरी बार देश की कमान संभालने के लिए राष्ट्रपति भवन में शपथ ले रहे थे, उसी वक्त जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने श्रद्धालुओं को ले जा रही बस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे बस एक गहरी खाई में जा गिरी। इस घटना में नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
हमले का विवरण
यह बस रियासी के शिवखोड़ी से कटरा जा रही थी। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि शाम करीब 6 बजे आतंकियों ने बस पर सबसे पहले फायरिंग की। अचानक हुई फायरिंग से ड्राइवर और सभी यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। गोली लगने से ड्राइवर बस पर नियंत्रण खो बैठा और बस खाई में गिर गई। रियासी की एसएसपी मोहिता शर्मा ने ड्राइवर को गोली लगने की पुष्टि की है। एसएसपी के मुताबिक, “आतंकियों की गोली से ड्राइवर घायल हो गया और बस खाई में गिर गई। हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं।”
रेस्क्यू और सुरक्षा अभियान
बस के कई यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है और ज्यादातर श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के हैं। सुरक्षाबलों ने आसपास के इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है और आतंकियों की तलाश की जा रही है। शिवखोड़ी मंदिर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकी हमले के बारे में उप-राज्यपाल से बात की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मामले में तीर्थयात्रियों पर हुए हमले की घटना से बहुत दुखी हूं। जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल और डीजीपी से बात की और घटना के बारे में जानकारी ली। इस कायराना हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून के शिकंजे में लिया जाएगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आतंकी हमले को लेकर एनडीए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी एनडीए सरकार शपथ ले रही है, तो कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष देश में हैं। तब तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही बस पर हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 10 भारतीयों की जान चली गई है। हम पीड़ितों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। अभी तीन सप्ताह पहले ही पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी की गई थी और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी घटनाएं लगातार जारी हैं। मोदी सरकार द्वारा शांति और सामान्य स्थिति लाने का सारा प्रचार खोखला साबित हो रहा है।”
पिछले हादसे और सुरक्षा चिंता
रविवार को हुए इस हादसे से पहले भी 30 मई को यूपी से जा रही बस जम्मू सेक्टर के अखनूर में 150 फीट गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 69 लोग घायल हुए थे। हालांकि, उस हादसे को ड्राइवर की लापरवाही की वजह बताया गया था, लेकिन रविवार के आतंकी हमले के बाद 30 मई को हुए हादसे पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
विदेशी आतंकवादियों की बढ़ती सक्रियता
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आर आर स्वैन ने खुलासा किया था कि 70-80 विदेशी आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ कर चुके हैं। सभी आतंकी एलओसी पार लॉन्च पैड से आए हैं। डीजीपी ने बताया कि आतंकियों ने हाल ही में बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली के टावर को उड़ाने की कोशिश की थी। अब श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भी विदेशी आतंकियों की सक्रियता की पुष्टि की है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथग्रहण के बीच हुआ यह आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सरकार और सुरक्षा बलों के सामने यह एक बड़ी चुनौती है, जिसे पार पाना जरूरी है। देश की जनता इस घटना से दुखी है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलने की उम्मीद कर रही है।
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