भारत बनेगा तकनीकी मानकों का केन्द्र : दिल्ली में पहली बार आईईसी की 89वीं मीटिंग

भारत में पहली बार आईईसी की 89वीं जनरल मीटिंग

नई दिल्ली इस साल एक बड़े तकनीकी आयोजन की मेज़बानी करने जा रहा है। इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) की 89वीं जनरल मीटिंग पहली बार भारत में हो रही है, जहां दुनिया के सौ से ज़्यादा देशों के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि जुटेंगे।

आईईसी की भूमिका

आईईसी वही संस्था है जो बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक तय करती है। रोज़मर्रा के घरेलू सामान से लेकर बिजली ग्रिड, इलेक्ट्रिक कार और नवीकरणीय ऊर्जा तक—हर जगह इसके फैसलों का असर पड़ता है।

भारत के लिए क्या मायने

भारत इस वक्त सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और स्मार्ट ग्रिड जैसी तकनीकों पर तेज़ी से काम कर रहा है। ऐसे में यह मीटिंग सिर्फ मेज़बानी भर नहीं है, बल्कि एक मौका है कि भारत अपने अनुभव और शोध दुनिया के सामने रख सके और नए मानकों पर अपनी बात रख पाए। इससे देश के उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।

होने वाली चर्चा

सम्मेलन के दौरान ऊर्जा दक्षता, चार्जिंग नेटवर्क, स्मार्ट मीटर और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर कई सत्र होंगे। इसमें वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, कंपनियों और सरकारी प्रतिनिधियों के बीच सीधे विचार-विमर्श होगा।

आगे की उम्मीद

दिल्ली में होने वाली यह बैठक भारत की तकनीकी ताकत को दुनिया के सामने दिखाने के साथ-साथ आने वाले वर्षों की ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक नीतियों की दिशा तय करने में भी अहम साबित हो सकती है।