डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना के खोजकर्ता जेम्स वॉटसन का निधन

डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना की खोज करने वाले प्रसिद्ध अमेरिकी वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता जेम्स वॉटसन का 97 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वॉटसन ने अपने सहयोगी फ्रांसिस क्रिक के साथ मिलकर 1953 में डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना का पता लगाया था, जिसने मेडिकल और जेनेटिक साइंस की दिशा बदल दी।

हालांकि डीएनए का अस्तित्व पहली बार 1869 में फ्रेडरिक मीशर ने बताया था, लेकिन इसकी वास्तविक संरचना की समझ वॉटसन और क्रिक की खोज के बाद ही दुनिया के सामने आई।

वॉटसन ने इस खोज के समय अपनी प्रतिक्रिया में कहा था—
“यह बहुत खूबसूरत है।”
उस समय उनकी उम्र सिर्फ 24 वर्ष थी।

नोबेल सम्मान

इस खोज के लिए जेम्स वॉटसन, फ्रांसिस क्रिक और मॉरिस विल्किंस को 1962 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस संरचना को समझने में रोजलिंड फ्रैंकलिन और उनके छात्र रेमंड गोसलिंग द्वारा किए गए एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी रिसर्च ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शिक्षा और करियर

वॉटसन का जन्म शिकागो में हुआ था।

कैलिफ़ोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दो वर्ष शोध कार्य के बाद

1955 में वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फैकल्टी के तौर पर शामिल हुए।

उन्होंने हार्वर्ड में मॉलिक्यूलर बायोलॉजी प्रोग्राम की शुरुआत की।

1968 में वे कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लैब के निदेशक बने और बाद में अध्यक्ष और चांसलर भी रहे।

विवाद भी रहे

उनकी शानदार वैज्ञानिक उपलब्धियों के साथ ही कुछ वक्तव्य विवादों का कारण बने।
2019 में अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के तत्कालीन निदेशक डॉ. फ्रांसिस कोलिन्स ने कहा था—
“हम चाहते हैं कि मानवता पर वॉटसन के विचार उतने ही सकारात्मक हों, जितनी उनकी वैज्ञानिक दृष्टि थी।”