प्रदेश में अब बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। योगी सरकार ने बुजुर्गों को राहत देते हुए फैसला किया है कि फैमिली आईडी ‘एक परिवार एक पहचान’ प्रणाली के आधार पर समाज कल्याण विभाग खुद ही पात्र व्यक्तियों की पहचान करेगा। जिस माह नागरिक 60 वर्ष की आयु पूरी करेगा, उसी माह से उसकी वृद्धावस्था पेंशन स्वतः शुरू हो जाएगी।
योगी कैबिनेट ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस निर्णय से राज्य के 8.25 लाख से अधिक बुजुर्गों को लाभ मिलेगा। सरकार इस योजना पर 990 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय वहन करेगी।
कैबिनेट बैठक के बाद समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 67.50 लाख वरिष्ठ नागरिक राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं। लेकिन बड़ी संख्या में पात्र बुजुर्ग दस्तावेज़ी या आवेदन प्रक्रिया पूरी न कर पाने के कारण योजना से वंचित हैं। इस समस्या को खत्म करने के लिए फैमिली आईडी प्रणाली को पेंशन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के Reform, Perform and Transform के सिद्धांत के अनुसार लिया गया है। फैमिली आईडी डेटा से पात्र नागरिकों की पहचान की जाएगी और जानकारी पेंशन पोर्टल पर API के माध्यम से Push की जाएगी। ये वे नागरिक होंगे, जिनकी आयु अगले 90 दिनों में 60 वर्ष होने वाली है, ताकि समय से पेंशन स्वीकृत की जा सके।
योजना का लाभ देने के लिए समाज कल्याण विभाग पात्र वृद्धों से डिजिटल माध्यम — SMS, व्हाट्सऐप, या फोन कॉल के जरिए सहमति लेगा। पात्र व्यक्ति स्वयं या किसी की मदद से पेंशन पोर्टल पर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन कर सकेंगे। यह कार्य ग्राम पंचायत सहायक, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या डोर-टू-डोर सर्विस से भी किया जा सकेगा।
जिनसे डिजिटल माध्यम से सहमति प्राप्त नहीं होगी, उनसे विभागीय कर्मचारी भौतिक रूप से संपर्क करेंगे। यदि किसी कारण से सहमति फिर भी न मिले, उन आवेदनों को प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।
मंत्री असीम अरुण ने बताया कि सहमति और डिजिटल वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद योजना अधिकारी 15 दिनों में डिजिटल सिग्नेचर के साथ पेंशन स्वीकृति देंगे। स्वीकृति पत्र डाक से भेजा जाएगा। भुगतान सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में होगा और हर भुगतान की जानकारी एसएमएस से दी जाएगी।
इसके अलावा लाभार्थियों के लिए एक मोबाइल ऐप भी उपलब्ध होगा, जिसमें वे पासबुक की तरह अपने सभी भुगतान विवरण देख सकेंगे।
