नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के दिल्ली प्रांत ने ट्रेनों में केवल हलाल प्रोसेस्ड मांस परोसे जाने को लेकर गंभीर चिंता जताई है। यह प्रतिक्रिया राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा भारतीय रेल को भेजे गए नोटिस के बाद सामने आई है।
एनएचआरसी ने सोशल मीडिया पर वायरल शिकायत का संज्ञान लेते हुए कहा था कि केवल हलाल मांस उपलब्ध कराना यात्रियों के अधिकारों के खिलाफ हो सकता है। आयोग ने रेलवे से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा है।
विहिप का कहना है कि भोजन में किसी विशेष धार्मिक प्रक्रिया को प्राथमिकता देना अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के अधिकारों की अनदेखी है। संगठन ने इसे धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के विरुद्ध बताया।
विहिप के प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी कि प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने एनएचआरसी को धन्यवाद ज्ञापन भेजा है। उन्होंने आयोग की कार्रवाई की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि इससे सभी समुदायों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
विहिप का स्पष्ट मत है कि भारतीय रेल एक धर्मनिरपेक्ष सार्वजनिक संस्था है और यात्रियों को भोजन में विकल्प मिलना चाहिए। संगठन ने कहा कि यदि किसी धार्मिक प्रक्रिया-आधारित मांस की सेवा दी जाती है तो पारदर्शिता और विकल्प दोनों अनिवार्य होने चाहिए।
एनएचआरसी ने भी अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि केवल हलाल मांस बेचने की प्रथा हिंदू अनुसूचित जाति और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों की आजीविका को प्रभावित करती है। आयोग ने कहा कि रेलवे को संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के अनुरूप सभी यात्रियों के खाद्य चयन के अधिकार का सम्मान करना चाहिए।
विहिप ने उम्मीद जताई कि भारतीय रेल एक संतुलित, पारदर्शी और निष्पक्ष भोजन नीति लागू करेगी, जिससे सभी यात्रियों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो सके।
