अमलतास एक ऐसा पेड़ है जो अपनी सुंदरता के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है। इसके चमकीले पीले फूल दूर से ही मन को आकर्षित करते हैं और आयुर्वेद में इसे विशेष स्थान प्राप्त है। इस पेड़ का वैज्ञानिक नाम कैसिया फिस्टुला है और इसमें कई प्राकृतिक औषधीय तत्व पाए जाते हैं।
अमलतास के फूलों में कैम्फेरोल, राइन और फाइटोल जैसे तत्व होते हैं जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। इसके फूल, पत्तियां, छाल और फलियां सभी औषधि के रूप में प्रयोग की जाती हैं। खासतौर पर इसका फायदा पाचन के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है।
कब्ज की समस्या में अमलतास का गूदा बहुत लाभकारी है। रात में पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट लेने से पुरानी कब्ज भी दूर होती है। यह आंतों को मजबूत बनाता है और पाचन क्रिया को बेहतर करता है।
त्वचा रोगों में भी अमलतास का उपयोग तेजी से राहत देता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण खुजली, दाद, खाज और एग्जिमा जैसी समस्याओं को कम करते हैं। इसका लेप लगाने से त्वचा की चमक लौटती है और संक्रमण कम होता है।
अमलतास बुखार कम करने, जोड़ों के दर्द में राहत देने और शरीर को डिटॉक्स करने में भी उपयोगी माना जाता है। इसके फूलों का इस्तेमाल त्वचा की प्राकृतिक चमक बढ़ाने और सूजन कम करने के लिए किया जाता है।
विशेषज्ञों की मानें तो अमलतास का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा लेने से दस्त की समस्या हो सकती है, इसलिए आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही इसका उपयोग करना बेहतर है।
