पुणे के पोर्श कार दुर्घटना मामले में आरोपी किशोर के पिता विशाल अग्रवाल को जिला एवं सत्र अदालत से जमानत मिल गई है। अदालत ने उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। विशाल अग्रवाल पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मई महीने में पुणे शहर में हुए इस हादसे में दो सॉफ्टवेयर पेशेवरों की मौत हो गई थी। इसके अलावा अदालत ने इस मामले से जुड़े पांच अन्य आरोपियों को भी जमानत दे दी है, जिनमें उस बार के मालिक और प्रबंधक भी शामिल हैं, जिन्हें किशोरों को शराब परोसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने प्राथमिकी में बताया कि विशाल अग्रवाल को पता था कि उनके नाबालिग बेटे के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, फिर भी उन्होंने उसे कार चलाने की अनुमति दी। इतना ही नहीं, किशोर को पार्टी करने की भी इजाजत दी गई थी, जहां उसने शराब का सेवन किया।
विशाल अग्रवाल के वकील प्रशांत पाटिल ने जानकारी दी कि अदालत ने शुक्रवार शाम को उनके मुवक्किल को जमानत दी है और वे पुलिस की जांच में आगे भी सहयोग करते रहेंगे। किशोर के माता-पिता रक्त के नमूनों की अदला-बदली के मामले में भी न्यायिक हिरासत में हैं।
विशाल अग्रवाल पर अपने चालक के अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाने का भी आरोप है। 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में पोर्श कार ने बाइक को टक्कर मार दी थी, जिसमें बाइक सवार दो आईटी इंजीनियरों, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी। आरोप है कि पोर्श कार को 17 वर्षीय किशोर चला रहा था, जो घटना के वक्त नशे में था।
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