भारत के प्रधानमंत्री ने 41 वर्षों में पहली बार ऑस्ट्रिया का दौरा किया, जो ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। इससे पहले 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी इस यात्रा को “स्पेशल” बताते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा की और अपनी उत्साहजनक भावनाओं को व्यक्त किया।
ऑस्ट्रिया में स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वियना के होटल रिट्ज-कार्लटन में ठहरे हैं। वहां पहुँचने पर भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। ऑस्ट्रियाई कलाकारों ने वंदे मातरम गाकर उनका स्वागत किया, जिससे माहौल भारतीयता से भर गया।
यात्रा के उद्देश्य और कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रिया के बीच संबंधों को मजबूत करना है। इस दौरान उनकी ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर के साथ उच्च स्तरीय वार्ताएं हुईं। दोनों नेताओं ने व्यापारिक नेताओं को भी संबोधित किया, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर जोर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यही वे आधार हैं जिन पर दोनों देश और अधिक घनिष्ठ साझेदारी का निर्माण करेंगे।
चांसलर कार्ल नेहमर का स्वागत
ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने भी प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से किया। उन्होंने लिखा, “मैं अगले हफ्ते वियना में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए बहुत उत्सुक हूं। यह यात्रा एक विशेष सम्मान है क्योंकि यह 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है और हम भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।”
मोदी का जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने चांसलर कार्ल नेहमर के इस पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा, “आपका शुक्रिया चांसलर कार्ल नेहमर। इस ऐतिहासिक अवसर पर ऑस्ट्रिया की यात्रा करना वास्तव में सम्मान की बात है। मैं हमारे देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर हमारी चर्चाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य वह आधार हैं जिस पर हम एक और करीबी साझेदारी का निर्माण करेंगे।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ऑस्ट्रिया दौरा भारतीय राजनीति और विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक और व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे, बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक स्तर पर भी नए आयाम स्थापित होंगे। भारतीय समुदाय का गर्मजोशी से स्वागत और ऑस्ट्रियाई कलाकारों द्वारा वंदे मातरम गाने से यह यात्रा और भी खास बन गई है।
इस दौरे से यह स्पष्ट है कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच संबंधों को और अधिक घनिष्ठ और मजबूत बनाने के लिए दोनों देश पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। दोनों देशों के बीच लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य इन संबंधों को और भी मजबूती प्रदान करेंगे।
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