स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों को विशेष डेंगू वार्ड बनाने का निर्देश दिया है। ये वार्ड पूरी तरह से प्रशिक्षित कर्मियों, दवाओं और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं से लैस होंगे। इसके साथ ही, उन्होंने अस्पतालों को अपनी सुविधाओं का उपयोग करने के लिए एक ‘रेफरल’ प्रणाली बनाने का भी निर्देश दिया है।
मानसून की शुरुआत और डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में डेंगू की स्थिति, उसकी रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए, नड्डा ने अधिकारियों को 24 घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया, ताकि डेंगू की रोकथाम और जागरूकता के प्रयासों को बढ़ाया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, डेंगू से होने वाली मृत्यु दर में काफी कमी आई है। 1996 में यह दर 3.3 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 0.1 प्रतिशत हो गई है। नड्डा ने डेंगू के खिलाफ तैयारी की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि ‘एडीस’ मच्छर के काटने से बचने के लिए स्कूल जाने वाले बच्चों और अन्य लोगों को शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।
इसके तहत, बड़े पैमाने पर पानी के बर्तनों को ठहरे हुए पानी से मुक्त रखने का अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, देशभर में टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया आदि मंचों के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान भी शुरू किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री के इन निर्देशों के साथ, उम्मीद की जा रही है कि डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण में और भी बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे और इससे जुड़े मामलों में कमी आएगी।