भूख, प्यास और खांसी रोकने के गंभीर परिणाम

भूख रोकने से होने वाले रोग

जब भूख को दबाया जाता है और खाने की आवश्यकता महसूस होने पर भी भोजन नहीं किया जाता है, तो इससे गंभीर शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

  1. शरीर का टूटना: भूख न लगने के कारण शरीर कमजोर हो जाता है।
  2. अरुचि: भोजन के प्रति रुचि कम हो जाती है।
  3. ग्लानि और दुर्बलता: व्यक्ति को लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है।
  4. पेट में शूल-दर्द: पेट में तीव्र दर्द होता है।
  5. सिर में चक्कर: भूख न लगने के कारण चक्कर आने लगते हैं।

यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पेट दर्द अजीर्ण के कारण तो नहीं हो रहा है। यदि अजीर्ण के कारण हो रहा दर्द भूख के दर्द समझकर ज्यादा भोजन किया जाता है, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

प्यास रोकने से होने वाले रोग

प्यास को दबाने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

  1. मुखशोष: मुँह का सूखना।
  2. शरीर में शिथिलता: शरीर में कमजोरी और अंगों में कार्य करने की अशक्ति।
  3. बहरापन: सुनने की क्षमता में कमी।
  4. मोह और भ्रम: मानसिक असंतुलन और चक्कर आना।
  5. आँखों में अन्धापन: दृष्टि में कमी।
  6. हृदय में विकृति: शरीर में धातुओं की कमी से हृदय रोग हो सकते हैं।

खांसी रोकने से होने वाले रोग

खांसी को दबाने से निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

  1. खांसी की वृद्धि: खांसी की समस्या बढ़ जाती है।
  2. दमा: सांस लेने में कठिनाई।
  3. अरूचि: भोजन के प्रति रुचि कम होना।
  4. हृदय के रोग: हृदय से संबंधित समस्याएं।
  5. क्षय: फेफड़ों का कमजोर होना।
  6. हिचकी: श्वासनलिका से संबंधित समस्याएं।

निष्कर्ष

भूख, प्यास और खांसी को दबाना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इन प्राकृतिक संकेतों को नजरअंदाज करने से शरीर में कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। स्वस्थ रहने के लिए इन संकेतों का सही समय पर ध्यान रखना और उचित उपचार करना आवश्यक है।

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