इलायची, जिसे हम माउथ फ्रेशनर के रूप में जानते हैं, का वैज्ञानिक नाम “लेटिया काटम” है। यह पौधा तमिलनाडु और केरल में उगाया जाता है, लेकिन इसके जायके और खुशबू का आनंद पूरे भारत में लिया जाता है। इलायची की सुगंध न केवल मिठाईयों में जान डालती है बल्कि इसके औषधीय गुण इसे स्वास्थ्य के लिए भी अमूल्य बनाते हैं। इलायची दो प्रकार की होती है: हरी इलायची और बड़ी इलायची, जिनके अलग-अलग स्वास्थ्य लाभ हैं।
हरी इलायची के फायदे
हरी इलायची में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। बुजुर्गों के अनुसार, भोजन के बाद अगर दो इलायची खा ली जाए, तो डाइजेस्टिव सिस्टम बेहतर होता है। इलायची में पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन की प्रचुर मात्रा होती है, जो हाईपरटेंशन को नियंत्रित करने में मदद करती है।
तनाव और हिचकी का इलाज
इलायची खाने से तनाव कम होता है और मूड फ्रेश हो जाता है। इसके साथ ही, यह हिचकी की समस्या को भी दूर करती है। अगर किसी को बार-बार हिचकी आती है, तो भोजन के समय इलायची का सेवन हिचकी को रोकने में कारगर साबित होता है।
पाचन तंत्र के लिए वरदान
इलायची में पाए जाने वाले हाई फाइबर्स पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं। इलायची के छिलके में मौजूद फाइबर्स पेट में जाकर पानी को एब्जॉर्ब करते हैं, जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है और बार-बार खाने की इच्छा कम हो जाती है। इससे मोटापा भी नियंत्रण में रहता है।
गैस, एसिडिटी और कब्ज का इलाज
अगर परिवार में किसी को गैस, एसिडिटी, इनडाइजेशन या कब्ज की समस्या है, तो हरी इलायची का सेवन इन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इलायची को दाल या सब्जी में पाउडर के रूप में डालकर सेवन करना चाहिए, जिससे इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
गले के संक्रमण और अस्थमा में लाभदायक
अगर किसी को बार-बार गले का संक्रमण होता है, तो हरी इलायची का सेवन इसमें भी मदद करता है। इलायची के पाउडर में शहद मिलाकर सेवन करने से गले के संक्रमण से राहत मिलती है। अस्थमा के रोगियों के लिए भी इलायची का सेवन लाभकारी होता है, जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं और अस्थमा की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
मोशन सिकनेस और गर्भवती महिलाओं के लिए
मोशन सिकनेस से परेशान लोगों के लिए इलायची का सेवन फायदेमंद होता है। इसे चबाने से उल्टी और मिचली की समस्या दूर होती है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी इलायची का सेवन लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसकी गर्म तासीर के कारण सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए।
बांझपन और डिप्रेशन में राहत
आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, छोटी इलायची का सेवन बांझपन की समस्या को दूर करने में कारगर होता है। इसके साथ ही, इलायची का एरोमा डिप्रेशन को भी दूर करता है और मेंटली स्ट्रांग बनाता है। इलायची के पाउडर को समय-समय पर सूंघने से मानसिक तनाव कम होता है।
बड़ी इलायची के फायदे
बड़ी इलायची में आयरन की अधिक मात्रा होती है, जो खून को गाढ़ा होने से बचाती है और दिल के रोगों से रक्षा करती है। यह हड्डियों और दांतों के लिए भी फायदेमंद होती है। इसके सेवन से बोन डेंसिटी बढ़ती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। बड़ी इलायची किडनी को भी मजबूत बनाती है और मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत दिलाती है।
इलायची के नुकसान
हालांकि इलायची के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। गर्भवती महिलाओं को इलायची का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और इससे अबॉर्शन की संभावना हो सकती है। इसके अलावा, गोल ब्लैडर स्टोन के रोगियों को इलायची का सेवन नहीं करना चाहिए, या फिर इलायची का छिलका हटाकर ही इसका उपयोग करना चाहिए।
इलायची की न्यूट्रिशन वैल्यू
100 ग्राम इलायची में 311 कैलोरीज, 7 ग्राम टोटल फैट, 0.7 ग्राम सैचुरेटेड फैट, 0 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल, 18 मिलीग्राम सोडियम, 1119 मिलीग्राम पोटेशियम, 68 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 28 ग्राम डाइटरी फाइबर और 11 ग्राम प्रोटीन होता है। इसके अलावा, इलायची में विटामिन C, आयरन, विटामिन B6, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस की भी भरपूर मात्रा होती है, जो हमारे शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद है।
इलायची का सेवन हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, ताकि इसके नुकसान से बचा जा सके। इलायची के गुणों का सही तरीके से उपयोग करके हम अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
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