भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर चिंतित हैं चीन, रूस : शीर्ष अमेरिकी राजनयिक

अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने सोमवार को कहा कि चीन और रूस, भारत-अमेरिका के मजबूत होते संबंधों को लेकर चिंतित हैं क्योंकि ये संबंध समाज में विविध आवाजों को महत्व देने के साथ ही समावेशिता, शांति और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हैं।

प्रबंधन और संसाधन के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने प्रतिष्ठित ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ में भारत-अमेरिका संबंध पर टिप्पणियां करने के बाद एक सवाल पर कहा, ‘‘आपको क्या लगता है कि चीन और रूस इस साझेदारी को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं? क्योंकि हम दुनिया के बाकी हिस्सों में जीवन का ऐसा रूप पेश करते हैं, जो समावेशिता, शांति, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, कानून के शासन के बारे में है और यह समाज में हर किसी की आवाज सुनने के बारे में है।’’

वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध अमेरिका के कुछ विरोधियों के तौर-तरीकों से ‘‘बहुत अलग हैं।’’

उन्होंने कहा कि इसी विशिष्टता के कारण राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को ‘‘इस सदी का निर्णायक संबंध’’ बताया है।

‘क्वाड’ पर एक सवाल के जवाब में वर्मा ने कहा कि इसका उद्देश्य शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है।

अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह समान विचारधारा वाले देशों के बारे में है।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया था कि बाइडन अगले सप्ताह अपने डेलवेयर स्थित आवास में क्वाड नेताओं के चौथे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।

इस साल क्वाड की मेजबानी भारत को करनी थी लेकिन अब वह अगले साल इस शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।

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