गर्मियों के दिन थे। एक घने जंगल में एक छोटी चिड़िया अपने घोंसले में रहती थी। वह बहुत मेहनती और समझदार थी। एक दिन, जंगल में अचानक आग लग गई। आग तेजी से फैलने लगी, और सारे जानवर डरकर इधर-उधर भागने लगे।
चिड़िया ने देखा कि आग उसके घोंसले की ओर बढ़ रही है। वह डर गई, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह पास के झरने तक उड़कर गई, अपनी छोटी चोंच में पानी भरकर लाई, और आग पर डालने लगी। यह देखकर बाकी जानवर हंसने लगे। एक हाथी ने मजाक उड़ाया, “तुम्हारी छोटी-सी चोंच से आग नहीं बुझेगी। यह बेकार की मेहनत है!”
चिड़िया ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “शायद मेरी कोशिश से आग न बुझे, लेकिन मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हूँ।”
चिड़िया की हिम्मत देखकर बाकी जानवरों को भी प्रेरणा मिली। वे भी पानी लाने लगे, और धीरे-धीरे आग बुझ गई। इस तरह, चिड़िया ने अपनी छोटी-सी कोशिश से जंगल को बचाने में बड़ा योगदान दिया।
शिक्षा: हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। छोटी-छोटी कोशिशें भी बड़ा बदलाव ला सकती हैं।