“धैर्य का सच्चा अर्थ “

एक समय की बात है, एक शिष्य अपने गुरु के पास ज्ञान प्राप्त करने के लिए आया। वह बहुत बुद्धिमान था लेकिन उसमें धैर्य की कमी थी।

एक दिन, शिष्य ने गुरु से पूछा, “गुरुदेव, मुझे ज्ञान प्राप्त करने में कितना समय लगेगा?”

गुरु ने कहा, “अगर तुम पूरी मेहनत से सीखोगे, तो दस साल लगेंगे।”

शिष्य ने कहा, “गुरुदेव, अगर मैं दोगुनी मेहनत करूँ तो?”

गुरु मुस्कुराए और बोले, “तो बीस साल लगेंगे।”

शिष्य हैरान हुआ और बोला, “पर अगर मैं दिन-रात मेहनत करूँ, तो?”

गुरु ने शांतिपूर्वक कहा, “तो तुम्हें तीस साल लगेंगे।”

शिष्य परेशान हो गया और बोला, “गुरुदेव, जब मैं और मेहनत करने की बात करता हूँ तो समय कम होने की बजाय बढ़ क्यों जाता है?”

गुरु ने उत्तर दिया, “क्योंकि जब तुम्हारी आँखें सिर्फ लक्ष्य पर होंगी और तुम जल्दबाजी करोगे, तो तुम्हारी सीखने की शक्ति कम हो जाएगी। धैर्य और समझ के साथ सीखो, तभी सफलता मिलेगी।”

शिक्षा: सफलता पाने के लिए धैर्य और समझ जरूरी है। जल्दबाजी में किया गया प्रयास हमें लक्ष्य से दूर कर सकता है।

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