- करियर की दुनिया बदल रही है
भारत में सिर्फ इंजीनियर और डॉक्टर नहीं, बल्कि AI, डेटा साइंस और साइबर सेक्योरिटी जैसी क्षेत्रों में कैरियर तेजी से बढ़ रहे हैं। सस्ता नहीं, यहां तक कि तकनिकी समझ के बिना भी शुरुआत की जा सकती है—जैसे कि Python या R सीखकर डेटा साइंस में हाथ आज़माया जा सकता है - ऑफिशियल संस्थाओं से रास्ता साफ़
- IIT मंडी ने अब एक नौ-माह का AI और डेटा साइंस कोर्स शुरू किया है, जिसमें शुरुआती स्तर से सब कुछ सीखाया जाता है—अलग-अलग ट्राइमेस्टर और EMIs की सुविधा के साथ।
- IIT दिल्ली में डेटा साइंस और मशीन लर्निंग में वर्किंग प्रोफ़ेशनल्स के लिए सर्टिफिकेट कोर्स है, लाइव क्लासेज और केस-स्टडी के साथ ।
- मूलभूत डिग्री का वैकल्पिक रास्ता
शार्नाबस्वा यूनिवर्सिटी ने BSc और BSc (Hons) में AI/ML, डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसे स्पेशलाइज़ेशन विकल्प दिए हैं—इंजीनियरिंग से आसान फीस में, और MSc एक साल में भी पूरा हो सकता है। - इन संस्थानों की भूमिका—रिसर्च से रूट तक
अमृता विश्वविद्यालय का Computational Engineering सेंटर AI, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में रिसर्च और पढ़ाई दोनों को बढ़ावा दे रहा है । - ऑफरिंग्स बाजार में बदलाव ला रहे हैं
HCLTech जैसे बड़े नाम अब AI, डेटा और साइबर स्पेशलिस्ट्स को ऊँची तंख़ाह पर ले रहे हैं—कुछ मामलों में फ्रेशर्स चार गुना ज़्यादा मेहनताना पा रहे हैं ।
डेटा, स्कोप और तुलना का मिज़ान
क्षेत्र | मांग का कारण | सैलरी रेंज (भारत में अनुमानित) |
---|---|---|
AI इंजीनियर | मशीनों को ‘सोचने’ लायक बनाना | ₹12–35 LPA |
डेटा साइंटिस्ट | बड़े डेटा से अर्थ निकालना | ₹8–30 LPA |
साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट | डिजिटल हमलों से रक्षा | ₹7–25 LPA (शीर्ष स्तर पर ₹100 LPA तक) |
45,000 AI जॉब्स भारत में ही लिस्टेड हैं, खासतौर पर डेटा साइंटिस्ट और ML इंजीनियर की भूमिका में ।
कुछ सोचने वाली बातें
- क्या आप डेटा से खेलना पसंद करते हैं, पैटर्न ढूँढना, भविष्य का अनुमान—तो डेटा साइंस या AI कहीं ज़्यादा आकर्षण लाएगा।
- लेकिन अगर आपको ‘रक्षा करना’ पसंद है—नेटवर्क, सिस्टम, डेटा को बाहरी ख़तरे से बचाने की जंग—तो साइबर सिक्योरिटी आपका ज़्यादा मिज़ाज का हो सकता है।
दोनों ही क्षेत्र ज़रूरत का हिस्सा हैं, आपको बस यह तय करना है कि आपको कौन-सा काम ‘खेल’ जैसा लगता है।
आख़िरी दौर
लेख कहता है: “डॉक्टर-इंजीनियर से आगे सोचें…” ये सच में सिर्फ शब्द नहीं। अगर आप अपनी राह बदलने की सोच रहे हैं, आजकल AI, डेटा और साइबर सेक्योरिटी खोल रही हैं बहुत रास्ते। संस्थान सीखाने को तैयार हैं, कंपनियाँ पैसा देने को तैयार हैं—बस, आपका फैसला बाकी है।