अहमदाबाद : समाज के नैतिक पतन से ठगी का व्यवहार आजकल प्राय: देखा जाता है| ठगी का एक सामान्य स्वरुप है नापतौल में गड़बडि़यां, चाहे खाद्य सामग्री हो, गैस सिलेण्डर हो या धर्मकांटा ! ऐसा ही एक प्रकरण अहमदाबाद में देखने को मिला । अहमदाबाद के धर्म कांटे के तौल में बड़ी गड़बड़ी मिली है। गौमाता के चारे की गाड़ी का वजन करने पर तोल में 4100 किलोग्राम का अंतर मिला।
अहमदाबाद में धर्म कांटा चलाया जा रहा था। इसी कांटे पर चारे से लदी हुई गाडि़यों का वजन करवाया जाता है। रविवार को अहमदाबाद के एक गौशाला के खरीदे हुए चारे को धर्म कांटे पर वजन करवाया गया। वजन में चारे का 5 क्विंटल वजन मिला। गौशाला के व्यवस्थापकों को वजन कम होने का शक हो गया। इस पर उन्होंने जब अहमदाबाद शहर के दूसरे धर्म कांटे पर अपने चारे का वजन करवाया वहां उसका भार 900 किलोग्राम मिला। अर्थात वजन में 4100 किलोग्राम (4 क्विंटल 100 ग्राम) का अंतर था ।
इस मामले में संबंधित थाने से एफ.आई.आर कराने का प्रयास किया गया लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना था कि चूंकि आपने पैसों का भुगतान नहीं किया था इसलिए एफ.आई.आर नहीं होगी । यदि आपने पैसों का भुगतान किया होता तो एफआईआर होती |यह हमारी कानून व्यवस्था की बड़ी चूक है, यदि काई व्यक्ति ठगी का शिकार हो तभी एफआईआर दर्ज होगी, यदि जागरूक नागरिक ठगी होने से पहले शिकायत दर्ज कराना चाहे तो उस पर कोई सुनवाई नहीं है । अंततः एफ.आई.आर हुई, पर दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है |
कई बार हमें पता ही नहीं चलता कि अपने पैसे के बदले हमें पूरी मात्रा/वजन मिल भी रहा है या नहीं। जरूरी नहीं कि आप दुकानदार के कांटे पर जो वजन देख रहे हैं, वह सही ही हो। इसी तरह हो सकता है कि आप ऑटो-टैक्सी के मीटर से भी संतुष्ट न हों या फिर आपके घर में जो रसोई गैस सिलिंडर डिलिवर हो रहा है, उसका वजन भी कम हो सकता है। अगर आपको ऐसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है तो उसकी शिकायत जरूर करें: जानें अधिकार- दी गई कीमत के बदले ग्राहक को सही मात्रा/वजन मिले, यह तय करना राज्य के माप-तौल विभाग की जिम्मेदारी है। माप-तौल विभाग का काम है कि वह इस्तेमाल किए जा रहे उपकरणों की नियमित रूप से जाँच करे और जो शख्स कम नाप या तौल रहा है, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करे। कम तौलने या नापने वाले शख्स को जुर्माने के साथ-साथ सजा भी हो सकती है।
उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराने के लिए, उपभोक्ता इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
- टोल फ़्री नंबर 1800-11-4000 या 1915 पर कॉल करके एजेंट से बात करें
- उपभोक्ता कार्यक्रम पोर्टल consumerhelpline.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज करें
- बीआईएस केयर मोबाइल ऐप के ज़रिए शिकायत दर्ज करें
शिकायत मिलने पर इसकी जांच की जाती है और इसके निवारण के लिए आगे की कार्रवाई की जाती है ।