कोविड वैक्सीन की घटती बिक्री से बायोटेक अरबपतियों की संपत्ति पर चोट

कोरोना महामारी के बाद जिस वैक्सीन ने अरबों लोगों को सुरक्षा दी थी, आज वही दवा कंपनियों और उनके मालिकों के लिए सिरदर्द बन गई है। वैक्सीन की मांग में भारी गिरावट आई है और इसका सीधा असर बायोटेक अरबपतियों की संपत्ति पर पड़ रहा है।

महामारी के चरम समय में वैक्सीन की डोज़ करोड़ों की संख्या में खरीदी जाती थी। अब हालात सामान्य होने के बाद सरकारें और लोग वैक्सीन पर उतना खर्च नहीं कर रहे। कई देशों में बूस्टर डोज़ की मांग बेहद कम हो गई है।

Moderna और BioNTech जैसी कंपनियों के मालिकों की संपत्ति में सबसे ज़्यादा गिरावट दर्ज की गई है। कुछ अरबपतियों की नेटवर्थ अरबों डॉलर तक कम हो चुकी है। महामारी के समय जो तेज़ी से बढ़ी दौलत थी, वही अब उतनी ही तेज़ी से घट रही है।

वैक्सीन की बिक्री से होने वाला मुनाफ़ा जब घटा, तो शेयर बाज़ार में भी इन कंपनियों के दाम नीचे आ गए। निवेशकों को डर है कि अगर नए प्रोडक्ट्स या रिसर्च पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में इन कंपनियों के लिए स्थिति और कठिन हो सकती है।

बायोटेक सेक्टर अब कोविड से बाहर निकलकर दूसरी बीमारियों पर रिसर्च और नई दवाओं पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा है। सवाल यह है कि क्या ये कंपनियां महामारी के समय की तरह फिर से कोई बड़ा ब्रेकथ्रू ला पाएंगी या नहीं।