दिल्ली शराब घोटाला: केजरीवाल को निचली अदालत से जमानत, हाई कोर्ट में सुनवाई जारी
अदालत का फैसला
दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से जमानत मिल गई, लेकिन अभी उन्हें रिहाई नहीं मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस जमानत पर रोक लगा दी है। अब 25 जून को हाई कोर्ट ईडी की याचिका पर फैसला सुनाएगी।
हाई कोर्ट में सुनवाई
ईडी ने केजरीवाल की जमानत का विरोध किया था, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की ईडी की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है। जबतक हाई कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तबतक अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
निचली अदालत का आदेश
20 जून को केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन अगले ही दिन, 21 जून को, हाई कोर्ट ने ईडी की याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक उनकी जमानत पर रोक लगा दी।
ईडी का विरोध
ईडी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का आदेश त्रुटिपूर्ण है। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन और रविंदर डुडेजा की पीठ के समक्ष एसवी राजू ने तर्क दिया कि अदालत का यह कहना गलत है कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है।
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी के विरोध को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जांच एजेंसी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ईडी की भूमिका इस केस में पूरी तरह से बेनकाब हो गई है और केजरीवाल के खिलाफ किसी तरह का मनी ट्रेल सामने नहीं आया है।
संजय सिंह का बयान
आम आदमी पार्टी कार्यालय पर प्रेस वार्ता में संजय सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश से ईडी की भूमिका बेनकाब हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य नेताओं को फंसाने के लिए केंद्र सरकार के इशारे पर गहरी साजिश रची है।
अदालत के आदेश की व्याख्या
संजय सिंह ने कहा कि अदालत ने अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम जमानत से जुड़े आदेश को भी उल्लेखित किया है। वह आदेश कहता है कि अरविंद केजरीवाल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह समाज के लिए कोई खतरा नहीं हैं। केजरीवाल का नाम सीबीआई की एफआईआर में नहीं है और उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया।
अब, सभी की नजरें 25 जून को होने वाले हाई कोर्ट के फैसले पर हैं, जो तय करेगा कि अरविंद केजरीवाल जेल से रिहा होंगे या नहीं।