दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को शहर की शीतकालीन कार्ययोजना पेश की।
इस योजना में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ड्रोन से निगरानी, धूल-रोधी अभियान, कार्य बलों का गठन, सड़कों की सफाई करने वाली मशीन और 200 मोबाइल ‘एंटी-स्मॉग गन’ की तैनाती सहित कई उपाय शामिल हैं।
इस योजना का विषय ‘मिल कर चलें, प्रदूषण से लड़ें’ है।
शीतकालीन कार्ययोजना की शुरुआत करते हुए मंत्री ने कहा, ‘इस वर्ष हमारा विषय ‘मिल कर चलें, प्रदूषण से लड़ें’ है।’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार बुधवार से ही इस पर काम शुरू कर देगी।
राय ने कहा कि पड़ोसी क्षेत्रों से आने वाले प्रदूषण स्रोतों का भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि राजधानी के भीतर प्रदूषण के स्तर में पिछले कुछ वर्षों में सुधार हुआ है।
उन्होंने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, ‘2016 में दिल्ली में प्रदूषण वाले दिन 243 थे, लेकिन पिछले साल यह संख्या घटकर 159 हो गई, जिससे प्रदूषण में 34.6 प्रतिशत की कमी आई।’
मंत्री ने कहा कि कार्ययोजना के मुख्य बिंदुओं में प्रदूषण वाले स्थानों की ड्रोन से निगरानी, विशेष कार्यबल का गठन, धूल रोधी अभियान, सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव, उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार, जागरूकता अभियान, पराली जलाने की रोकथाम आदि शामिल हैं।
राय ने कहा कि प्रदूषण वाले स्थानों पर ड्रोन की मदद से निगरानी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के स्तर पर निगरानी रखने तथा शहर भर में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए छह सदस्यीय एक विशेष कार्यबल
का गठन किया गया है।
राय ने कहा कि कार्य बल के सदस्यों में परिवहन विभाग, पर्यावरण विभाग, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और यातायात पुलिस के प्रतिनिधि शामिल हैं।
सरकार सात अक्टूबर से धूल रोधी अभियान शुरू करेगी, जिसके दौरान उल्लंघन करने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 500 वर्ग मीटर से बड़े सभी निर्माण स्थलों को इस तिथि से पहले निर्दिष्ट वेबसाइट पर पंजीकृत कराना होगा।
मंत्री ने यह भी बताया कि जागरूकता अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि विशेष पहलों में ‘हरित पदयात्रा’ शामिल होगी, जिसमें प्रतिभागी हरियाली के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने सिर पर पौधे रखकर चलेंगे।
इसके अतिरिक्त वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान के साथ-साथ ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ और प्रदूषण विरोधी मार्च का आयोजन किया जाएगा।
सर्दियों के दौरान, दिल्लीवासी वायु प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि इस समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाता है।
राय ने कहा कि शहर में सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए सड़क साफ करने की 85 मशीन और पानी छिड़कने वाले 500 वाहन तैनात किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ‘मोबाइल एंटी-स्मॉग गन’ का इस्तेमाल पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक किया जाएगा। 2023 में इन मशीनों का इस्तेमाल दिन में एक बार किया जाता था, लेकिन इस साल इनका दिन में तीन बार इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और अधिसूचना जारी होने के बाद प्रतिबंध पूरी तरह लागू हो जाएगा। चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) लागू की जाएगी और खुले में कचरा जलाने पर नियंत्रण के लिए 588 टीम बनाई गई हैं।’
मंत्री ने कहा, ‘हम घर से काम करने को प्रोत्साहित करेंगे और स्वेच्छा से निजी वाहनों के उपयोग को कम करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो सम-विषम (वाहन योजना) योजना लागू की जाएगी और कृत्रिम वर्षा भी एक विकल्प है जिस पर हम विचार कर रहे हैं।’
मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सक्रिय प्रदूषण नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ‘हरित रतन पुरस्कार’ की शुरुआत करेगी।
यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाएगा जो प्रदूषण को कम करने में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करेंगे, फिर चाहे वे सरकार से हों, निजी क्षेत्र से हों या संगठनों से हों।
उन्होंने बताया कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के प्रमुख कारणों को देखते हुए, इसके हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए 5,000 एकड़ कृषि भूमि पर ‘बायो-डीकंपोजर’ का छिड़काव किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि वाहनों के उत्सर्जन की निगरानी के लिए 360 सदस्यों की एक टीम बनाई गई है।