दाँत के रोग: देखभाल और उपचार के पारंपरिक उपाय

दाँतों की देखभाल केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनकी मजबूती और स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। दाँतों के विभिन्न रोगों और उनके उपचार के लिए कई पारंपरिक विधियाँ हैं जो न केवल सरल हैं बल्कि प्रभावी भी हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय और सुझाव दिए गए हैं:

दाँतों की सफाई और मजबूती

  1. नींबू और सरसों का तेल:
    नींबू के छिलकों पर थोड़ा-सा सरसों का तेल डालकर दाँत और मसूढ़ों को घिसने से दाँत सफेद और चमकदार होते हैं। मसूढ़े मजबूत होते हैं और हर प्रकार के जीवाणुओं का नाश होता है, जिससे पायरिया जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
  2. बड़ और करंज की दातौन:
    इनसे दातौन करने से दाँत मजबूत होते हैं।
  3. जामफल का प्रयोग:
    जामफल के पत्तों को चबाकर उसका रस मुँह में थोड़ी देर रखकर थूक देने से दाँत दर्द, मसूढ़ों से खून आना और दुर्गन्ध में राहत मिलती है।

दाढ़ का दर्द

दाढ़ के दर्द में कपूर की गोली, लौंग, सरसों के तेल, या बड़ के दूध में भिगोया हुआ रूई का फाहा दाढ़ के नीचे रखने से आराम मिलता है। घी में तली हुई हींग का टुकड़ा भी दर्द कम करता है।

मसूढ़ों की सूजन

जामुन के वृक्ष की छाल के काढ़े के कुल्ले करने से मसूढ़ों की सूजन मिटती है और हिलते दाँत मजबूत होते हैं।

दाँत खटा जाने पर

तिल के तेल में पीसा हुआ नमक मिलाकर उँगली से दाँत घिसने से खटा जाने की पीड़ा दूर होती है।

दाँत क्षत-विक्षत अवस्था में

तिल के तेल से दिन में तीन बार मसूढ़ों की मालिश करें। 7 दिन बाद बड़ की दातौन से घिसें। तिल के तेल का कुल्ला मुँह में भरकर जितनी देर रख सके रखें। छोटी हरड़ चबाकर खाने से पेट की सफाई होती है। रक्तस्राव रोकने के लिए नमक के पानी के कुल्ले करें और कत्था या हल्दी का चूर्ण लगाएँ।

पायरिया

  1. नीम की राख और कपूर:
    नीम के पत्तों की राख में कोयले का चूरा और कपूर मिलाकर रात में लगाकर सोने से पायरिया में लाभ होता है।
  2. सरसों का तेल और सेंधा नमक:
    इनका मिश्रण दाँतों पर लगाने से दुर्गन्ध और रक्तस्राव बंद होता है और दाँत मजबूत होते हैं। त्रिफला गुग्गल की गोली और त्रिफला का सेवन भी लाभकारी होता है।

दाँतों की सुरक्षा

भोजन के बाद 11 बार कुल्ला जरूर करें। गर्म वस्तु के बाद ठण्डी वस्तु का सेवन न करें। मसूढ़ों के रोगियों को प्याज, खटाई, लाल मिर्च और मीठे पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए।

दाँतों की देखभाल में यह पारंपरिक उपाय न केवल सरल हैं बल्कि आसानी से घर पर उपलब्ध सामग्री से किए जा सकते हैं। इन उपायों का नियमित रूप से पालन करने से दाँत और मसूढ़े स्वस्थ और मजबूत बने रहते हैं।

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