प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप फेयरप्ले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 651 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर लिया है। एजेंसी अब तक इस मामले में कई चरणों में संपत्तियां जब्त कर चुकी है और जांच लगातार आगे बढ़ रही है।
ईडी ने बताया कि फेयरप्ले ऐप के जरिए देशभर में बड़े पैमाने पर अवैध सट्टेबाजी चल रही थी। इस ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपये विदेश भेजे गए और हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल कर काले धन को सफेद करने की कोशिश की गई। एजेंसी के मुताबिक अब तक की कार्रवाई में रियल एस्टेट, बैंक अकाउंट्स और अन्य चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है।
फेयरप्ले ऐप पर आरोप है कि यह क्रिकेट और अन्य खेल आयोजनों पर अवैध सट्टा लगाने का मंच बना हुआ था। जांच में सामने आया कि देश के कई बड़े शहरों से लोग इसमें शामिल थे और पैसों का लेन-देन क्रिप्टोकरेंसी और फर्जी कंपनियों के जरिए किया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत ईडी की ये कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर सरकार पहले से ही कड़ी नजर रख रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में शामिल कंपनियों और व्यक्तियों से पूछताछ जारी रहेगी और आगे और भी जब्ती की संभावना है।
ईडी की ताजा अटैचमेंट के साथ अब तक जब्त की गई कुल संपत्तियों की कीमत 651 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। एजेंसी का दावा है कि यह कार्रवाई न सिर्फ फेयरप्ले बल्कि इसी तरह के अन्य अवैध बेटिंग नेटवर्क पर भी शिकंजा कसने का संकेत है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और बड़े नामों के सामने आने की संभावना है। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।