भारत पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है। इसका आयोजन 21 से 31 जुलाई तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में होगा। विश्व धरोहर समिति की बैठक साल में एक बार होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम को नई दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करेंगे। पीएमओ के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि यूनेस्को की महानिदेशक ऑद्रे अजोले भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी।
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसमें विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों को नामांकित करने के प्रस्ताव, 124 मौजूदा विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण रिपोर्ट की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय सहायता और विश्व धरोहर निधि के उपयोग आदि पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में 150 से अधिक देशों के 2000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग लेंगे।
आयोजन की विशेषताएँ
इस महत्वपूर्ण बैठक के साथ-साथ विश्व धरोहर युवा पेशेवरों और विश्व धरोहर स्थल प्रबंधकों का मंच भी आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, भारत मंडपम में भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी।
‘रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स’ प्रदर्शनी
रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स प्रदर्शनी में देश में वापस लाई गई कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। अब तक 350 से अधिक कलाकृतियां वापस लाई जा चुकी हैं।
‘अतुल्य भारत’ प्रदर्शनी
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी सभ्यता, भौगोलिक विविधता, पर्यटन स्थलों और सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में आधुनिक विकास को उजागर करने के लिए ‘अतुल्य भारत’ प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
इस प्रकार, भारत विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी करके न केवल अपने सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित कर रहा है।