दुनिया भर में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, विशेषकर एशिया में। सिंगापुर में हाल ही में एक सप्ताह के भीतर कोविड के केस लगभग दोगुने होकर 26,000 तक पहुंच गए। वहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 30% की बढ़ोतरी हुई है। इस तेजी के पीछे एक नया सबवेरिएंट JN.1 मुख्य कारण माना जा रहा है।
JN.1 ओमिक्रोन का एक सबवेरिएंट है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। यह वेरिएंट तेजी से फैलता है और वैक्सीन के बाद बनी इम्युनिटी को आंशिक रूप से चकमा देने में सक्षम है। हालांकि इसके लक्षण अब भी हल्के जैसे बुखार, गला खराब, खांसी, थकान और सिरदर्द हैं, लेकिन संक्रमण की गति चिंता का विषय है।
भारत में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। 19 मई तक देश में केवल 257 सक्रिय केस दर्ज हुए हैं, जिनमें से सबसे अधिक केस केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से हैं। अभी अस्पताल में भर्ती की दर बहुत कम है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड में है और बूस्टर डोज तथा जीनोमिक सर्विलांस पर फिर से ध्यान दे रहा है।
सिंगापुर, थाईलैंड और हांगकांग जैसे देशों में Flirt वेरिएंट्स (जैसे LF.7, NB.18, KP.1, KP.2) तेजी से फैल रहे हैं। इन्हें गंभीर बीमारी का कारण नहीं माना जा रहा, परंतु इनकी ट्रांसमिशन दर अधिक है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि मास्क, हाथों की स्वच्छता, और बूस्टर वैक्सीन पर ध्यान दिया जाए। कोविड की यह नई लहर भले ही अभी उतनी खतरनाक न हो, लेकिन सतर्कता बेहद ज़रूरी है। WHO ने JN.1 को “Variant of Interest” घोषित किया है – यानी नजर बनाए रखने की जरूरत है, घबराने की नहीं।