कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। मान्यता है कि यह दिन धर्म, भक्ति और तपस्या का फल प्रदान करने वाला होता है। कार्तिक मास को देवताओं का प्रिय मास कहा गया है और पूर्णिमा की तिथि पर गंगा स्नान, दीपदान, व्रत, दान और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
शास्त्रों में कहा गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि तथा शांति की प्राप्ति होती है। इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था, इसलिए यह पर्व विष्णु भक्तों के लिए और भी अधिक विशेष है।
इसके अतिरिक्त इस दिन तुलसी पूजा, शालिग्राम-विष्णु आराधना, और दीपदान को अत्यंत शुभ माना गया है। लोग अपने घरों, मंदिरों और घाटों पर दीप जलाकर भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। आध्यात्मिक मान्यता है कि इस दिन किया गया एक दीपदान भी अनंत फल देता है।
कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है, जिसमें परिवार और समाज एक साथ पुण्य कर्मों में भाग लेते हैं। गंगा और अन्य पवित्र जलस्थलों पर रहने वाली आस्था और श्रद्धा सदियों से आज भी वैसे ही जीवित है।
