भारत के सैन्य इतिहास में हाल ही की एक महत्वपूर्ण घटना को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा, क्योंकि अब भारत में पहली बार C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ ने गुजरात के वडोदरा में टाटा और एयरबस की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का उद्घाटन कर इस पहल की नींव रखी। यह परियोजना “मेक इन इंडिया” को न केवल सशक्त बनाएगी, बल्कि “मेक फॉर द वर्ल्ड” के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
C-295 एयरक्राफ्ट का महत्व
C-295 एक अत्याधुनिक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है, जिसका डिज़ाइन स्पेनिश है। यह मध्यम आकार का एयरक्राफ्ट अपनी उच्च परिचालन क्षमता और कम रखरखाव लागत के कारण दुनियाभर में ख्याति प्राप्त कर चुका है। लगभग 20 से अधिक देश पहले से ही इस एयरक्राफ्ट का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें भारत, कनाडा और कई एशियाई देश शामिल हैं। इस एयरक्राफ्ट की विशेषता यह है कि इसे छोटे रनवे पर भी उतारा और उड़ाया जा सकता है, जो इसे सेना के विभिन्न अभियानों के लिए उपयुक्त बनाता है।
यह विमान 482 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ सकता है और इसमें 71 सैनिकों या 48 पैरा ट्रूपर्स को ले जाने की क्षमता है। इसके अलावा, यह एयरक्राफ्ट अन्य जेट्स को हवा में ईंधन भरने की सुविधा भी प्रदान करता है, जो इसे रफाल और अन्य फाइटर जेट्स के साथ पेट्रोलिंग मिशनों में सहायक बनाता है।
भारत में C-295 का निर्माण: एक रणनीतिक कदम
भारत ने सितंबर 2021 में स्पेन की कंपनी एयरबस के साथ एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कुल 56 C-295 एयरक्राफ्ट खरीदने का फैसला किया गया। इनमें से 16 एयरक्राफ्ट सीधे स्पेन से निर्मित होकर आएंगे, जबकि शेष 40 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और एयरबस द्वारा असेंबल किए जाएंगे। भारत में इनका असेंबली कार्य 2031 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल भारतीय वायुसेना के लिए, बल्कि भारतीय सेना के लिए भी अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होगी।
आर्थिक और तकनीकी लाभ
C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण से भारत में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। टाटा और एयरबस ने लगभग 37 स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ करार किया है, जो इन विमानों के निर्माण में आवश्यक छोटे-छोटे पुर्जों की आपूर्ति करेंगे। इस प्रकार यह परियोजना न केवल प्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन करेगी, बल्कि असंख्य छोटे उद्योगों को भी सशक्त बनाएगी। इस एयरक्राफ्ट में कुल 14,000 पार्ट्स होते हैं, जिनमें से 13,000 पार्ट्स भारत में ही निर्मित किए जाएंगे, जिससे देश की स्वदेशी निर्माण क्षमता और प्रौद्योगिकी के विकास को बल मिलेगा।
मेक इन इंडिया के लिए एक नया युग
मेक इन इंडिया के तहत भारत में C-295 का निर्माण भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। भारत में इस परियोजना के साथ, यहां निर्मित C-295 का 48% हिस्सा स्थानीय स्तर पर बनेगा, और जैसे-जैसे भारत में इनका उत्पादन बढ़ेगा, यह आंकड़ा 75% तक पहुँच सकता है।
यह परियोजना भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए न केवल स्वदेशी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश को एक प्रमुख सैन्य उपकरण निर्यातक के रूप में भी स्थापित कर सकती है। इससे भारत के रक्षा निर्यात की संभावनाओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
C-295: वैश्विक रक्षा बाजार में एक शक्ति
C-295 एयरक्राफ्ट दुनिया के रक्षा क्षेत्र में अपनी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसने स्पेन को वैश्विक रक्षा बाजार में एक नया स्थान दिलाया है। अमेरिका, जिसने कई अत्याधुनिक सैन्य उपकरण बनाए हैं, भी इस मध्यम आकार के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का विकल्प नहीं बना पाया है, जो इसे और अधिक खास बनाता है। यह बात न केवल भारत बल्कि अन्य देशों के लिए भी आश्वस्त करने वाली है कि यह एयरक्राफ्ट युद्ध के दौरान भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है और लागत प्रभावी भी है।
एक नए युग की शुरुआत
इस परियोजना का महत्व केवल सैन्य दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि भारत के उद्योग के संपूर्ण विकास के दृष्टिकोण से भी है। इसके अंतर्गत भारतीय इंजीनियरों को अत्याधुनिक तकनीकी कौशल सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे भविष्य में वे अपने स्वयं के डिजाइन और एयरक्राफ्ट निर्माण करने में सक्षम होंगे। यह भारत के सैन्य उपकरण निर्माण उद्योग में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारत और स्पेन की यह साझेदारी आने वाले समय में और गहरी हो सकती है। दोनों देश मिलकर न केवल अपने-अपने देशों के लिए बल्कि तीसरे देशों को भी C-295 एयरक्राफ्ट का निर्यात कर सकते हैं। इस तरह की परियोजनाएँ भारत के रक्षा बजट को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगी, जिससे कर संग्रहण के रूप में सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया को एक नई दिशा देने की बात कही। उन्होंने कहा, “आज हम भारत और स्पेन के सहयोग को एक नई ऊँचाई पर ले जा रहे हैं। C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की यह फैक्ट्री हमारे मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड के मिशन को सशक्त बनाएगी।”
C-295 का भारत में निर्माण भारतीय रक्षा और औद्योगिक क्षेत्र को एक नई दिशा देने वाला साबित होगा। यह न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाएगा बल्कि विदेशों में भी भारत की पहचान को एक सैन्य उपकरण निर्माता के रूप में स्थापित करेगा। आने वाले वर्षों में, भारत इस तरह की अन्य परियोजनाओं को भी स्वदेशीकरण की दिशा में लेकर जाएगा, जिससे देश को आत्मनिर्भर और रक्षा निर्यातक बनाने का सपना साकार होगा।