उत्तराखंड में हाल ही में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई आपातकालीन स्थिति के दौरान केदारनाथ में बचाव कार्य ज़ोर-शोर से जारी है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि कैसे सेना और एसडीआरएफ की टीमें मिलकर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही हैं।
बचाव कार्य का प्रगति विवरण
सोमवार को मौसम साफ होते ही एमआई 17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से केदारनाथ घाटी में एयर लिफ्ट रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ हो गया है। एमआई हेलीकॉप्टर चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है जबकि चिनूक हेलीकॉप्टर गौचर हवाई पट्टी पर उतर रहा है।
सुबह नौ बजे तक 133 लोगों को एमआई, चिनूक और अन्य छोटे हेलीकॉप्टरों की मदद से केदारनाथ से सुरक्षित एयर लिफ्ट किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 250 से अधिक यात्रियों को लिंचोली से भीमबली तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ की छह जवानों की टीम रवाना की गई है। भीमबली से इन यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सोनप्रयाग पहुंचाया जाएगा।
प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
भारी बारिश के चलते उत्तराखंड में आठ लोगों की मौत हो चुकी है और करीब छह लोग घायल हुए हैं। गौरीकुंड में स्थित तप्तकुंड मलबे से पूरी तरह दब गया है, जिससे श्रद्धालुओं का स्नान स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
भीमवली और रामबाड़ा के बीच लगभग 20 से 30 मीटर का रास्ता बह गया है, और सोनप्रयाग के पास करीब 100 मीटर सड़क सैलाब में बह गई है। इन परिस्थितियों के चलते केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है।
जिला प्रशासन की अपील
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से केदारनाथ दर्शन के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए एक परामर्श जारी किया गया है। इसमें यात्रियों से कहा गया है कि वे फिलहाल जहां भी हैं, सुरक्षित रुकें और अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें।
परामर्श में बताया गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल सही नहीं है। भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया है और पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरकर रास्ते में आ गए हैं।
बचाव कार्य जारी रहेगा
सेना के एम-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर लगातार फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। सभी लोगों के सुरक्षित बाहर आने तक यह रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे शांत रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
उत्तराखंड में इस विपरीत परिस्थितियों में सेना, एसडीआरएफ और प्रशासन मिलकर पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं ताकि सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके।