ऑपरेशन महादेव

“2 अप्रैल की वो सुबह… जब कश्मीर की वादियों में चीखों की गूंज थी, गोलियों की बरसात थी, और इंसानियत शर्मिंदा थी।”

🕯️ पहलगाम की वह काली सुबह

कश्मीर के शांत और सुंदर पहलगाम में, 2 अप्रैल को जो हुआ, वह केवल एक आतंकी हमला नहीं था – वह एक सुनियोजित नरसंहार था। बैसरन वैली में, जहां आमतौर पर टूरिस्टों की चहल-पहल रहती है, उस दिन गोलियों और ग्रेनेड्स की गूंज थी।

26 निर्दोष जानें – महिलाएं, पुरुष और मासूम बच्चे।
15 मिनट तक चला आतंक का तांडव।
धर्म पूछ-पूछ कर मारे गए लोग।

उनमें से एक दृश्य आज भी आंखें नम कर देता है — एक पत्नी अपने खून से लथपथ पति को गोद में लिए मदद के लिए चीख रही थी।

🧭 हमलावर कौन थे?

भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हमले के पीछे तीन मुख्य पाकिस्तानी आतंकवादी थे:

  • मूसा – मास्टरमाइंड (अब मारा गया)
  • यूनुस – लॉजिस्टिक सपोर्ट
  • आसिफ – स्नाइपर

इनका सीधा संबंध TRF (The Resistance Front) से था, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा रूप है। उन्होंने राजौरी-पुंछ सेक्टर से भारत में घुसपैठ की थी।


🔥 ऑपरेशन सिंदूर: पहला जवाब

हमले के बाद मई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ। 14 आतंकवादियों की पहचान की गई। 3 हफ्तों में 6 को मार गिराया गया – लेकिन पहलगाम हमले के असली गुनहगार अब तक जिंदा थे।


🚨 ऑपरेशन महादेव: न्याय की वापसी

28 जुलाई की सुबह, सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुरू किया ऑपरेशन महादेव

“मिशन था सिर्फ एक – इंसाफ़।”

लोकेशन: श्रीनगर के पास हार्वन फॉरेस्ट एरिया, दाचीगाम नेशनल पार्क के समीप।
प्रकृति: घना जंगल, मुश्किल इलाका।
माध्यम: ड्रोन, राष्ट्रीय राइफल्स, SOG, आधुनिक हथियारों और हाई ग्रेड इंटेलिजेंस के साथ।

6 घंटे तक मुठभेड़ चली और अंततः –
तीनों आतंकवादी ढेर कर दिए गए।
मूसा, वही मास्टरमाइंड, जो बैसरन में मासूमों की मौत का जिम्मेदार था – मारा गया।


🔍 क्या मिला उनके पास से?

  • AK सीरीज़ राइफल्स
  • US मेड M4 कार्बाइन
  • GPS डिवाइसेज
  • इनक्रिप्टेड कम्युनिकेशन गियर
  • उच्च स्तरीय विस्फोटक

🧠 स्ट्रैटेजिक मतलब क्या है?

  1. पहलगाम हमले का बदला – पूरा
  2. श्रीनगर में एक्टिव स्लीपर सेल्स – डिसमेंटल
  3. अमरनाथ यात्रा और स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ा हमला – रोका गया
  4. इंटरनेशनल मेसेज – भारत अब रिएक्ट नहीं करता, प्री-एक्ट करता है।

🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा:

India will strike hard and strike smart.

सरकार अब सीजफायर की शर्तों की समीक्षा पर विचार कर रही है।
साउथ कश्मीर में अतिरिक्त बटालियन्स तैनात की गई हैं।
AI सर्विलांस, बायोमेट्रिक चेक्स, और सिग्नल इंटेलिजेंस की तैनाती बढ़ा दी गई है।


⚖️ निष्कर्ष: सिर्फ ऑपरेशन नहीं, एक संदेश

“ऑपरेशन महादेव” केवल एक मुठभेड़ नहीं थी।
यह एक प्रतीक था – न्याय का, संकल्प का, और संप्रभुता की रक्षा का।

“पहलगाम की चीखें अब शांत हैं, क्योंकि भारत ने जवाब दिया है — दृढ़ता के साथ, साहस के साथ और रणनीति के साथ।”


यह नई भारत की नीति है – टेररिस्ट जहां भी होंगे, भारत वहीं तक पहुंचेगा।