गूगल पर गोपनीयता घोटाला: अमेरिकी अदालत ने लगाया 425 मिलियन डॉलर का जुर्माना

अमेरिकी अदालत ने गूगल पर एक बड़ा जुर्माना ठोंका है। अदालत ने पाया कि कंपनी ने उपयोगकर्ताओं की अनुमति के बावजूद उनकी गतिविधियों को गुप्त रूप से ट्रैक किया। अदालत ने इस मामले में गूगल को 425 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया है।

मामला यह है कि कई यूजर्स ने अपनी सेटिंग्स में “ट्रैकिंग ऑप्शन बंद” किया हुआ था, ताकि उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी न हो। लेकिन इसके बावजूद गूगल पर आरोप है कि उसने गुपचुप तरीके से उनका डेटा इकट्ठा किया और इस्तेमाल किया।

यह फैसला उस समय आया है जब टेक कंपनियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि वे किस हद तक यूजर्स की निजता का सम्मान करती हैं। फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पहले ही इसी तरह के विवादों में फंसे हैं। अब गूगल पर इतनी बड़ी पेनल्टी लगना, बिग टेक के लिए एक और झटका है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भविष्य में अन्य कंपनियों के लिए भी चेतावनी साबित होगा। टेक दिग्गजों को यह समझना होगा कि पारदर्शिता और यूजर की सहमति के बिना डेटा इकट्ठा करने का दौर अब ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा।

सरल शब्दों में कहें तो, अदालत ने यह साफ कर दिया है कि “निजता” किसी भी ऑनलाइन सेवा का विकल्प नहीं बल्कि अधिकार है।