नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक शुरू हो गई है। यह बैठक 3 और 4 सितम्बर को होगी और माना जा रहा है कि इसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
क्या बदल सकता है टैक्स ढांचा?
सूत्रों के मुताबिक, परिषद जीएसटी दरों को सरल बनाने की दिशा में बढ़ सकती है। अभी चार स्लैब हैं—5%, 12%, 18% और 28%। प्रस्ताव है कि इसे घटाकर दो स्लैब कर दिया जाए।
- 5%: ज़रूरी सामानों पर
- 18%: गैर-ज़रूरी सामानों पर
इसके अलावा, “सिन गुड्स” यानी तंबाकू और 50 लाख रुपये से ऊपर की लग्ज़री कारों पर 40% का नया स्लैब लागू करने की संभावना जताई जा रही है।
किन वस्तुओं पर असर?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 175 आइटम्स पर जीएसटी में कटौती हो सकती है। इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा।
किन सेक्टर्स पर नज़र?
इस बैठक में ऑटोमोबाइल, FMCG और इंश्योरेंस सेक्टर पर खास ध्यान रहेगा। कारें, टू-व्हीलर और रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती हो सकती हैं, जबकि लग्ज़री सामान पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है।
क्यों है यह अहम?
पिछले कुछ समय से उद्योग जगत और उपभोक्ताओं दोनों की मांग रही है कि टैक्स स्लैब को आसान बनाया जाए। दरें कम होंगी तो खपत बढ़ेगी और सरकार को राजस्व में भी स्थिरता मिलेगी।
अब नज़र इस बात पर है कि परिषद कितनी दूर तक इन प्रस्तावों को लागू करती है और आम जनता की जेब पर इसका कितना असर दिखेगा।