कमोडिटी बाजार में चांदी ने नया इतिहास रच दिया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर चांदी पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई।
शुक्रवार के कारोबारी सत्र में चांदी में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली। कारोबार के दौरान इसका भाव 2,01,615 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया।
हालांकि ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली के कारण बाजार बंद होते समय कीमत फिसल गई। अंत में चांदी 1,92,615 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई।
एक्सिस डारेक्ट के मुताबिक, 2024 में 20 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न देने के बाद 2025 में भी चांदी की तेजी बनी हुई है। सालाना बढ़त 1979 के बाद सबसे ज्यादा मानी जा रही है।
लंबे समय तक सीमित दायरे में रहने के बाद अब चांदी एक मजबूत तेजी के चरण में प्रवेश कर चुकी है। निवेशकों का रुझान लगातार बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार चांदी की कीमतों में तेजी का सबसे बड़ा कारण इंडस्ट्रियल डिमांड है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और 5जी टेक्नोलॉजी में इसकी मांग तेज हुई है।
एक्सिस म्यूचुअल फंड के मुताबिक 2025 में औद्योगिक उपयोग के कारण मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है। सप्लाई सीमित रहने से कीमतों पर दबाव बढ़ा है।
निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने भी चांदी को सपोर्ट दिया है। सोना और अन्य धातुओं में मजबूती का असर चांदी पर साफ दिख रहा है।
ग्लोबल मार्केट में सप्लाई की कमी ने घरेलू बाजार को प्रभावित किया है। कॉमेक्स एक्सचेंज पर चांदी 65.085 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है।
डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आने से भारत में कीमती धातुएं महंगी हुई हैं। इसका सीधा असर चांदी की कीमतों पर पड़ा है।
इसके अलावा अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी को लेकर भी बाजार में चिंता बनी हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चांदी पर आयात शुल्क लगाने की आशंका है।
अमेरिका अपनी जरूरत की लगभग दो-तिहाई चांदी आयात करता है। इस डर से वहां की कंपनियों ने स्टॉक बढ़ाया, जिससे वैश्विक बाजार में कमी और कीमतों में तेज उछाल आया।
