तमिलनाडु: श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम के नौ भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया

इस साल श्रीलंका ने अब तक 180 से अधिक भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल, श्रीलंकाई नौसेना ने 240 से 245 मछुआरों को पकड़ा था। यह घटनाएं मुख्य रूप से पाक जलडमरूमध्य में घटित होती हैं, जो तमिलनाडु और उत्तरी श्रीलंका के बीच एक महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है। इस क्षेत्र को मछलियों की प्रचुरता के कारण महत्वपूर्ण माना जाता है।

ताजा घटनाएं

हाल ही में, श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के रामेश्वरम के तट से दो पावरबोट समेत नौ भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया। नौसेना ने दावा किया कि ये मछुआरे भारतीय सीमा से बाहर जाकर मछली पकड़ रहे थे। इन मछुआरों की गिरफ्तारी 535 नावों के एक समूह के मन्नार की खाड़ी में मछली पकड़ने जाने के दौरान हुई थी।

पंबन क्षेत्र की घटना

इस महीने एक जुलाई को, श्रीलंकाई नौसेना ने पंबन द्वीप क्षेत्र के पास पाक खाड़ी समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने गए 26 भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया था। साथ ही, उनकी चार देशी नौकाएं भी जब्त कर ली गई थीं। पिछले महीने भी, श्रीलंकाई नौसेना ने अवैध मछली पकड़ने के आरोप में 18 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया और उनकी तीन नौकाएं जब्त कीं।

जनवरी की गिरफ्तारी

इस साल जनवरी में, श्रीलंकाई नौसेना ने 12 भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस वर्ष अब तक, श्रीलंका ने 180 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। यह एक बार फिर से भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों के मुद्दे को विवादास्पद बनाता है।

द्वीप राष्ट्र की नौसेना की कार्रवाइयां

श्रीलंकाई नौसेना ने पुष्टि की थी कि 2024 में उसने 23 भारतीय नौकाओं और 178 मछुआरों को पकड़ा और उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकारियों के पास सौंप दिया। तीन अप्रैल को, श्रीलंकाई नौसेना ने हिरासत में लिए गए 19 भारतीय मछुआरों को रिहा कर भारत वापस भेज दिया था।

पिछली घटनाएं

पिछले साल, श्रीलंकाई नौसेना ने अपने जलक्षेत्र में कथित घुसपैठ के आरोप में 35 नौकाओं के साथ 240 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था। यह क्षेत्र तमिलनाडु और श्रीलंका को अलग करता है और दोनों देशों के मछुआरों के बीच मछली पकड़ने की वजह से अक्सर विवाद उत्पन्न हो जाता है।

निष्कर्ष

भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों का मुद्दा दोनों देशों के संबंधों में एक पेचिदा और संवेदनशील विषय बना हुआ है। इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत और सहमति आवश्यक है।

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