करी पत्ता (Curry Leave) से लगा तड़का जहां खाने में स्वाद बढ़ा देता है, वहीं यह शरीर को कई बीमारियों से भी बचाता है. वैज्ञानिक शोध और आयुर्वेद दोनों करी पत्ता से मिलने वाले फायदों की पुष्टि करते हैं. आयुर्वेद में करी पत्ता (Curry Leave) को ‘कृष्णनिंब’ कहा जाता है. आयुर्वेद के अलावा, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में इसका उपयोग सदियों से पाचन, नेत्र रोगों और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता रहा है.
अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, करी पत्ते में कार्बाजोल एल्कलॉइड्स, विटामिन्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से दूर रखते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह पत्ता किसी वरदान से कम नहीं है. वैज्ञानिकों का मानना है कि करी पत्ता शरीर में इंसुलिन की क्रिया को बेहतर बनाता है, जिससे ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है. यही कारण है कि आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे ‘नेचुरल इंसुलिन बूस्टर’ मानते हैं.
दूसरी ओर, लिवर की सेहत को बनाए रखने में भी इसका खास योगदान है. करी पत्ते में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और डिटॉक्सिफाइंग एजेंट्स लिवर को जहरीले तत्वों से साफ करने में मदद करते हैं. बालों के झड़ने और समय से पहले सफेद होने की समस्या आजकल आम हो गई है. करी पत्ते को नारियल तेल में उबालकर लगाने से यह समस्या काफी हद तक कम की जा सकती है. यह बालों की जड़ों को पोषण देता है और उन्हें मजबूत बनाता है. पुराने समय में यह नुस्खा गांवों में खूब इस्तेमाल किया जाता था, जिसे अब वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित किया गया है.
पाचन में भी करी पत्ता बेहद लाभकारी है. इसका नियमित सेवन गैस, कब्ज, और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देता है. यह एक तरह का नेचुरल एंटासिड है जो पेट को ठंडक देता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. खास बात यह है कि इसमें आयरन और फोलिक एसिड दोनों तत्व मौजूद होते हैं. फोलिक एसिड शरीर को आयरन सोखने में मदद करता है, जिससे एनीमिया का खतरा नहीं बना रहता. आंखों की सेहत में भी करी पत्ता काफी फायदेमंद है. इसमें विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है, जो आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद करती है. प्राचीन ग्रंथों में इसे ‘चक्षुष्’ यानी नेत्रों के लिए लाभकारी औषधि कहा गया है. करी पत्ते में मौजूद एसेंशियल ऑयल्स तनाव को कम करने, मूड को बेहतर करने और मानसिक शांति देने में मदद करते हैं.