टेस्ला ने भारत में अपनी गाड़ियों की बिक्री शुरू की, लेकिन बिक्री उम्मीदों से कम रहे हैं. जुलाई के बीच में बिक्री शुरू होने के बाद से अब तक सिर्फ 600 से थोड़ी ज्यादा गाड़ियों के ऑर्डर मिले हैं. यह संख्या कंपनी की अपेक्षाओं से काफी कम है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला ने सोचा था कि वह इस साल भारत में 2500 गाड़ियां बेच लेगी, लेकिन अब वह सिर्फ 350 से 500 गाड़ियां ही भेजने की योजना बना रही है. इनमें से पहला बैच सितंबर की शुरुआत में शंघाई से भारत आएगा.
ये गाड़ियां सिर्फ मुंबई, दिल्ली, पुणे और गुरुग्राम में डिलीवर होंगी, क्योंकि टेस्ला शोरूम और सुविधाएं अभी सिर्फ इन शहरों में हैं. डिलीवरी का साइज इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने लोगों ने पूरी पेमेंट की है और कंपनी इन चार शहरों के बाहर डिलीवरी कर पाती है या नहीं.
भारत में टेस्ला की सबसे सस्ती गाड़ी, मॉडल वाई, की कीमत 60 लाख रुपये से ज्यादा है. यह कीमत भारत के ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों के लिए बहुत ज्यादा है, क्योंकि यहां ज्यादातर इलेक्ट्रिक गाड़ियां 22 लाख रुपये के आसपास बिकती हैं. इसका बड़ा कारण भारत में आयात शुल्क है, जो 110 प्रतिशत तक हो सकता है.
टैरिफ से पड़ा असर
इस वजह से टेस्ला की गाड़ियां आम भारतीय ग्राहकों की पहुंच से बाहर हैं. भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री कुल कार बिक्री का सिर्फ 5 प्रतिशत है. टेस्ला को उम्मीद थी कि उसका ब्रांड और अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते भारत में उसकी राह आसान करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के मालिक एलन मस्क के बीच रिश्ते बिगड़ गए हैं. साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में भी तनाव है, क्योंकि ट्रंप ने भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है. इससे टेस्ला को सस्ती गाड़ियां लाने में दिक्कत हो रही है.
भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही टेस्ला
भारत में टेस्ला स्टोर्स में लोग तो खूब आए, लेकिन यह भीड़ बिक्री में नहीं बदली. टेस्ला आमतौर पर ज्यादा विज्ञापन नहीं करती, वह अपने ब्रांड की ताकत पर भरोसा करती है. लेकिन भारत जैसे बाजार में, जहां कार कंपनियां ज़ोर-शोर से विज्ञापन करती हैं, यह रणनीति कमजोर पड़ गई. फिर भी, टेस्ला धीरे-धीरे भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है. उसने मुंबई और दिल्ली में सुपरचार्जर स्टेशन बनाए हैं और 2026 में दक्षिण भारत में एक नया एक्सपीरियंस सेंटर खोलने की योजना है.
वहीं, टेस्ला की चीनी कॉम्टिटर कंपनी बीवायडी ने भारत में बेहतर परफॉर्म किया है. उसने 2025 की पहली छमाही में अपनी सीलायन 7 एसयूवी की 1200 से ज्यादा गाड़ियां बेचीं, जिनकी कीमत करीब 49 लाख रुपये है. टेस्ला के लिए भारत में चुनौतियां हैं, क्योंकि उसकी मुख्य बिक्री अमेरिका और चीन में कम हो रही है. पिछले तिमाही में उसकी बिक्री 13 प्रतिशत गिरी, और कंपनी लगातार दूसरे साल बिक्री में कमी से बचने की कोशिश कर रही है.