सुप्रीम कोर्ट पहुंचा किसान आंदोलन का मामला, नेशनल हाईवे को खोले जाने की मांग

नई दिल्ली: किसान आंदोलन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। दरअसल, किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है। आज दिन भर किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन करते रहे। इस प्रदर्शन को देखते हुए कई हाईवे को भी बंद कर दिया गया है। वहीं हाईवे बंद होने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका कर्ता गौतम लूथरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका के माध्यम से उन्होंने किसानों द्वारा बंद किए गए नेशनल हाईवे को खोले जाने की मांग की है। याचिका में किसानों द्वारा बंद किए गए सभी राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक को आम जनता के लिए खोले जाने की मांग की गई है।

किसानों को रोकने के लिए छोड़े गए आंसू गैस के गोले

दरअसल, पंजाब-हरियाणा की सीमा पर 101 किसानों के जत्थे ने रविवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया था। हालांकि हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों की ओर से लगाए गए बैरियर की वजह से किसान आगे नहीं बढ़ सके। इस दौरान किसानों को रोकने के लिए और उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पानी की बौछारें की गईं। इस दौरान अंबाला पुलिस ने कहा था कि किसान संगठनों को दिल्ली प्रशासन से अनुमति लेने के बाद ही दिल्ली कूच करना चाहिए।

    पहले भी स्थगित करना पड़ा था पैदल मार्च

    वहीं दिन भर चले प्रदर्शन के बीच किसानों को अपना प्रदर्शन स्थगित करना पड़ा। इससे पहले शुक्रवार को भी किसानों को अपना मार्च स्थगित करना पड़ा था, क्योंकि उनमें से कुछ आंसू गैस के गोले लगने से घायल हो गए थे। किसान नेता पंधेर ने शनिवार को कहा था कि किसानों को इस मामले में केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला है। किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। किसान 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

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