नई दिल्ली :- हाल में बीजेपी का मुस्लिमों को खुश करने के पीछे काफी रुझान देखने को मिल रहा है, लगातार नरेंद्र मोदी और बीजेपी मुस्लिमों को खुश करने में जुटी हुई है इसके पीछे का उद्देश्य और बीजेपी के मुस्लिम तुष्टिकरण की सफलता पर आइए डालते हैं कुछ नज़र,
सौगात-ए- मोदी-योजना
बीजेपी हाल में बिहार चुनाव को देखते हुए मुस्लिमों को खुश करने में विशेष रूप से जुटी हुई है लोकसभा चुनाव के समय पसमांदा मुस्लिमों को संतुष्ट करने के लिए उनके कार्यक्रम में शामिल होना हो या दरगाहों पर चादर चढ़ाने के लिए चादर भेजना हो, या फिर सौगात ए मोदी योजना से मुस्लिमों को ईद के मौके पर राशन और सेवइयों बाटनी हो। इस तरह के तुष्टिकरण की योजना हाल में काफी बढोतरी देखी गई है। चाहे तमाम हिंदुत्व वादी नेताओं को नजरअंदाज कर पूर्ण सेक्युलर विचारधारा वाली रेखा गुप्ता को दिल्ली की सीएम पद सौंपना हो फिर नूपुर शर्मा को पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्काशित करना हो।
इस तरह की घटना यह दिखाती है कि मोदी जी के अंतर मन में हिन्दुओं के प्रति नफरत पालने वाले मुस्लिमों को खुश करने पर ज्यादा है वहीं चाहे इसके लिए भले हर विपत्ति में खड़ा रहने वाले संत हो या कार्यकर्ता हो अथवा वो हार्डकोर हिंदुत्व समर्थक वोटर को नाराज़ ही क्यों न करना पड़े। लेकिन इन सभी तुष्टिकरण के प्रयासों के बावजूद बीजेपी को मुस्लिमों के समर्थन न मिलना यह दर्शाता है कि मुस्लिम के मन में इनके प्रति तनिक भी सहानभूति नहीं है चाहे बीजेपी कुछ भी कोशिश क्यों न कर लें।
मोदी जी के नज़र में “गौ रक्षक गुंडे”
हिन्दुओं की नरेंद्र मोदी जी से अपेक्षा थी की वे वर्षों से प्रताड़ित हो रहे हिन्दू समाज की पक्ष में मजबूती से खड़े रहेंगे लेकिन नरेंद्र मोदी तो पुराने कांग्रेसी विचारधारा को ही समर्थन देते नज़र आ रहे हैं चाहे 2014 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गौ रक्षा के लिए मर मिटने वाले वीर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को गुंडा कहना हो या मजबूती से हिंदुवादी संतों को जेल में डालना हो इन सबके के पीछे नरेंद्र मोदी का मुस्लिम तुष्टिकरण की मनोदशा को स्पष्ट उजागर करती है।
हिन्दुओं को अपनी रक्षा के लिए एकजूट होकर इन पाखंडी नेताओं के विरुद्ध आवाज उठाने की नितांत आवश्यकता है वरना रोजाना घटती आबादी के साथ सत्य सनातन धर्म ही लूट जाएगा और देश की संस्कृति मिट जाएगी।