प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनिया में योग की बढ़ती लोकप्रियता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कई देशों में योग अब दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। सऊदी अरब में तो योग को शिक्षा प्रणाली में भी शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री का संबोधन: श्रीनगर में डल झील के किनारे स्थित SKICC हॉल में 7000 से ज्यादा लोगों के साथ योग करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “योग से हमें शक्ति मिलती है। आज योग दुनिया भर में लोगों की पहली प्राथमिकता बन चुका है।”
उन्होंने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को पेश करने की अपनी यादों को साझा किया और बताया कि 177 देशों ने इसे सर्वसम्मति से समर्थन दिया था। यह एक रिकॉर्ड था और तब से यह आयोजन नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है।
पीएम मोदी ने 2015 में दिल्ली में 35,000 लोगों के साथ एक साथ योग करने के विश्व रिकॉर्ड की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि पिछले साल अमेरिका में यूएन हेडक्वार्टर में आयोजित योग दिवस का नेतृत्व करने का अवसर मिला, जिसमें 130 से ज्यादा देशों के लोगों ने हिस्सा लिया था।
पीएम ने कहा, “योग की यात्रा अनवरत जारी है। आज देश में 100 से ज्यादा बड़े संस्थानों को मान्यता मिली है और विदेश के 10 बड़े संस्थानों ने भी भारत से मान्यता प्राप्त की है।”
उन्होंने यह भी कहा कि योग के प्रति आकर्षण और इसकी उपयोगिता बढ़ रही है। “जन सामान्य कन्विंस हो रहा है,” पीएम ने कहा, “मैं जितने भी ग्लोबल लीडर्स से मिलता हूं, शायद ही कोई ऐसा हो जो योग की बात न करें।”
दुनिया भर में योग का प्रभाव: पीएम मोदी ने बताया कि मंगोलिया में मंगोलिया योग फाउंडेशन के तहत कई स्कूल चलाए जा रहे हैं और जर्मनी में करीब 1 करोड़ लोग योग प्रैक्टिशनर बन चुके हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि फ्रांस की 101 वर्षीय योग टीचर को पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन योग प्रचार के लिए समर्पित कर दिया।