अक्सर लोग योग को सिर्फ शरीर को फिट रखने का तरीका मान लेते हैं। लेकिन असल में योग उससे कहीं गहरा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो इंसान को भीतर से बदल देती है। इसे एक तरह की “इनर टेक्नोलॉजी” कहा जा सकता है, जो मन और शरीर दोनों को साधने का मार्ग दिखाती है।
हठयोग इस पूरी साधना की नींव है। “ह” यानी सूर्य ☀️ और “ठ” यानी चंद्र 🌙 — इन दोनों ऊर्जाओं का संतुलन हठयोग से होता है। जब शरीर और मन में यह संतुलन बैठता है तो साधक धीरे-धीरे आत्मिक शांति और उच्चतर चेतना की ओर बढ़ता है।
योग का मतलब केवल आसन लगाना या लचीला शरीर बनाना नहीं है। यह हमें भीतर झांकना सिखाता है, हमारी ऊर्जा को सही दिशा में प्रवाहित करता है और जीवन को संतुलित बनाता है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने इसे साधना का पहला और जरूरी कदम माना है।
आज की भागदौड़ में जब तनाव, असंतुलित जीवनशैली और मानसिक थकान हर किसी को घेर रही है, योग हमें यह याद दिलाता है कि असली ताकत और सुकून बाहर नहीं, भीतर खोजने से मिलता है।