प्रमुख मुद्दे और पृष्ठभूमि
पिछले साल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय सरकारी एजेंट का हाथ था। इस आरोप को भारत ने सिरे से खारिज करते हुए इसे बेतुका बताया था। इस विवाद के चलते दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव उत्पन्न हुआ। इस घटना के बाद यह पहली बार था कि पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम ट्रूडो एक-दूसरे से मिले।
जी-7 शिखर सम्मेलन और मोदी-ट्रूडो की मुलाकात
इटली में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और अन्य वैश्विक नेताओं के साथ मौजूद थे। सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और पीएम ट्रूडो की मुलाकात चर्चा का प्रमुख विषय रही। इस मुलाकात का कोई पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम नहीं था, इसलिए यह एक सरप्राइज के रूप में सामने आई।
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा की, जिसमें दोनों नेताओं को गर्मजोशी से मिलते हुए देखा जा सकता है। तस्वीरों में पीएम मोदी को ट्रूडो का हाथ पकड़े हुए मुस्कुराते हुए दिखाया गया है, जबकि ट्रूडो के चेहरे के भाव थोड़े अलग नजर आ रहे थे।
अन्य वैश्विक नेताओं से मुलाकात
पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी प्रधानमंत्री किशिदा, तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की।
अपने पोस्ट में पीएम मोदी ने बाइडेन से मुलाकात के बारे में लिखा, “अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलना हमेशा खुशी की बात है। भारत और अमेरिका वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।” इसके अलावा, उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री के साथ आपसी और क्षेत्रीय हितों पर चर्चा की।
सम्मेलन की प्रमुख बातें
सात विकसित देशों के समूह (जी-7) के शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी इटली के अपुलिया पहुंचे थे। इस दौरान उनकी संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय और अन्य वैश्विक नेताओं से भी मुलाकात हुई। भारत के अलावा, इटली ने इस सम्मेलन में अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया था।
निष्कर्ष
जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पीएम ट्रूडो की मुलाकात ने वैश्विक मंच पर भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों की स्थिति को उजागर किया। इस मुलाकात से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच संवाद का नया मार्ग खुलेगा और भविष्य में तनाव कम होगा।