भूमिका
आज वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में जब हम इजराइल के ‘आयरन डोम’, रूस की S-400 प्रणाली या अमेरिका के पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की चर्चा करते हैं, तो अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणालियाँ इतनी सक्षम हैं? लंबे समय तक इन प्रणालियों की रियल वॉर्ल्ड टेस्टिंग नहीं हो पाने के कारण संदेह बना रहा। लेकिन हाल के भारत-पाकिस्तान टकराव और ऑपरेशन सिंदूर के पश्चात् यह स्थिति बदल चुकी है। इसी दौरान भारत के स्वदेशी ‘आकाश तीर इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम’ (AADCCS) ने असाधारण प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया।
आकाश तीर क्या है?
‘आकाश तीर’ भारत द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक कमांड एंड कंट्रोल एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे DRDO और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने मिलकर बनाया है। इस प्रणाली का उद्देश्य भारतीय थल सेना की वायु रक्षा क्षमता को आधुनिक और सशक्त बनाना है।
मुख्य वास्तुकार: DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रह्लाद जोशी, जिनका चयन स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने इस प्रोजेक्ट के लिए किया था।
मुख्य विशेषताएँ
1. इंटीग्रेटेड कंट्रोल सिस्टम
- रडार, सर्विलांस, हथियार प्रणाली — सब कुछ एकीकृत।
- आर्मी व्हीकल्स पर मोबाइल यूनिट्स के रूप में माउंट किया जाता है।
2. रियल टाइम मॉनिटरिंग और ऑटोमेटेड टारगेटिंग
- इनकमिंग थ्रेट्स की तुरंत पहचान और जवाबी कार्रवाई।
- तत्काल मिसाइल फायरिंग की क्षमता।
3. स्केलेबल आर्किटेक्चर
- विभिन्न मिसाइल प्रणालियों का इंटीग्रेशन संभव: आकाश मिसाइल, MANPADS, S-400, D4 सिस्टम आदि।
4. मोबिलिटी
- सिस्टम को तेजी से एक सेक्टर से दूसरे में तैनात किया जा सकता है।
हालिया युद्ध परिदृश्य में प्रदर्शन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सैकड़ों ड्रोन और क्रूज मिसाइल से हमला करने की कोशिश की। इनमें टर्की निर्मित आर्म्ड ड्रोन, बाबर क्लास मिसाइल, और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग प्रयास शामिल थे।
प्रतिक्रिया:
- DRDO की आकाश मिसाइलें त्वरित लॉन्च की गईं।
- ZU-23-2 और L-70 गन से ड्रोन को मिसाइल फायरिंग की बजाय सस्ता और प्रभावी जवाब मिला।
- D4 एंटी-ड्रोन सिस्टम ने इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और ड्रोन न्यूट्रलाइजेशन का काम किया।
परिणाम:
- 100% इंटरसेप्शन रेट।
- भारतीय सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान नहीं।
- 15 मिसाइलें, 37 ड्रोन तबाह — शून्य स्ट्रक्चरल डैमेज।
‘आकाश तीर’ बनाम ‘आयरन डोम’
विशेषता | आकाश तीर (भारत) | आयरन डोम (इजराइल) |
---|---|---|
निर्माण | DRDO + BEL | Rafael Advanced Defense |
स्कोप | मल्टी-लेयर इंटीग्रेशन | शॉर्ट-रेंज रॉकेट इंटरसेप्शन |
मोबिलिटी | मोबाइल और शीघ्र डिप्लॉयमेंट | स्थैतिक, सीमित मोबाइलिटी |
एंटी-ड्रोन क्षमता | है | नहीं |
लागत प्रति इंटरसेप्ट | ₹5-10 लाख | ₹70-90 लाख |
रणनीतिक महत्त्व
1. आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम
- विदेश पर निर्भरता में कमी, स्वदेशी क्षमताओं में विश्वास।
2. फोर्स मल्टीप्लायर
- सेना, वायुसेना, सिविल एविएशन के साथ इंटीग्रेशन।
3. मनोवैज्ञानिक बढ़त
- पाकिस्तान को बार-बार विफलता का सामना।
- भारत की बढ़ी हुई सामरिक प्रतिष्ठा।
4. तेज प्रतिक्रिया क्षमता
- हालिया ड्रोन अटैक में मात्र 15 मिनट में फुल ऑपरेशनल स्टेटस।
भविष्य की योजना
- AI इंटीग्रेशन: थ्रेट प्रेडिक्शन में और अधिक बुद्धिमत्ता।
- जैमिंग रेजिस्टेंस बढ़ाना: जैमिंग प्रयासों को निष्क्रिय करने की दक्षता।
- सैटेलाइट आधारित थ्रेट डिटेक्शन: क्रॉस बॉर्डर लॉन्च की पूर्व जानकारी।
निष्कर्ष
‘आकाश तीर’ न केवल भारत का जवाब है आयरन डोम को, बल्कि यह उससे भी अधिक सक्षम, सस्ता और रणनीतिक दृष्टि से उपयोगी प्रणाली बनकर उभरा है। रियल वॉर में सफल परीक्षण और पूर्ण स्वदेशी तकनीक इस प्रणाली को भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नवाचार का प्रतीक बनाते हैं।